Umesh Pal Murder: पत्नी जया पाल ने माफिया अतीक, पत्नी शाइस्ता परवीन, बेटों और भाई अशरफ के खिलाफ दर्ज कराई FIR

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के मामले में धूमनगंज थाना में शनिवार को माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाना में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम एवं नौ अन्य साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506, 120-बी, 34, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 3 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया।

प्राथमिकी में जया पाल ने आरोप लगाया है कि उनके पति उमेश पाल, विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे और वर्ष 2006 में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके साथियों ने उमेश पाल का अपहरण कर अदालत में ले जाकर जबरदस्ती अपने पक्ष में गवाही दिलाई थी। उमेश पाल ने अपहरण की प्राथमिकी लिखवाई थी और इस मामले में मुकदमा चल रहा है। जया पाल ने शिकायत में आगे कहा कि शुक्रवार को इसी मुकदमे में सुनवाई होनी थी जिसके लिए उमेश पाल अपने भतीजे की कार से अपने दो सुरक्षाकर्मियों- संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह के साथ जिला अदालत गए थे।

अदालत से घर वापस आने पर गली में जैसे ही उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी कार से उतरे, अतीक अहमद के बेटे, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और इनके नौ साथियों ने उमेश पाल और इनके सुरक्षाकर्मियों पर बम और गोली से जानलेवा हमला कर दिया जिससे उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। शिकायत में जया पाल ने कहा, ‘‘घटना में कार में बैठा ड्राइवर प्रदीप शर्मा बाल-बाल बच गया।

सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में घटना को देख मैं गली की ओर भागी और देखा कि ये लोग गोलियां चलाते हुए वहां से भाग गए। परिवार और आसपास के लोग उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों को घायल अवस्था में अस्पताल ले गए जहां मेरे पति उमेश पाल और गनर संदीप निषाद की मृत्यु हो गई।

वहीं, दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह का इलाज हो रहा है।’’ शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उमेश पाल और संदीप निषाद की हत्या पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन द्वारा साजिश करके अतीक के बेटों और सहयोगियों द्वारा कराई गई है। शुक्रवार की शाम हुई इस घटना के बाद उमेश पाल की स्वरूपरानी अस्पताल में मृत्यु हो गई, जबकि देर रात सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की मृत्यु हो गई।

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया था कि इस मामले की जांच के लिए आठ से दस टीम बनाई गई है और ये टीम अलग अलग जगह गई हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि हमलावर कितनी संख्या में थे। उल्लेखनीय है कि राजू पाल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक थे और 2005 में उनकी हत्या कर दी गयी थी। उमेश पाल उस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। 

शासकीय अधिवक्ता को मिली सुरक्षा
उमेश पाल के मुकदमे की पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य को सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। राजापुर स्थित आवास में रात को ही धूमनगंज थाने की फोर्स पहुंच गई। सुशील वैश्य ने 22 फरवरी को जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी जान का खतरा बताकर सुरक्षा की मांग की थी।

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