लखनऊ: बेघर इश्लोक को मिला उसका 'घर', डीएम के निर्देश पर कब्जामुक्त कराया उसका घर

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। आखिरकार जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार के निर्देश पर बेघर इश्लोक को उसका 'घर' मिल गया। जिसके माता-पिता की मृत्यु के बाद नाना ने उसे सहारा दिया था। लेकिन, नाना की मृत्यु के बाद उनके भाई ने इश्लोक की संपत्ति व घर पर कब्जा कर उसे बेघर कर दिया था। यह मामला है चौपटियां निवासी नौ वर्षीय इश्लोक का।
 
जिसकी पांच वर्ष की उम्र में सिर से पिता दीपक कुमार का साया उठ गया था और बाद में कोरोना से माता की मृत्यु हो गई थी। दोनों की मृत्यु पर इश्लोक खेत, मकान व संपत्ति का अकेला वारिसान बन गया था और कोई न होने पर उसके नाना मिश्री लाल ने उसका पालन-पोषण किया। लेकिन, कुछ दिन बार नाना की मृत्यु हो गई। नाना के भाई कैलाश ने लालच में इश्लोक को उसके कांशीराम आवास से बेघर कर दिया। 

घर समेत संपत्ति पर कब्जा कर लिया। इससे वह खाने व रहने को मोहताज हो गया। ऐसी स्थिति में उसकी चाची ने सहारा दिया और सोमवार को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार के पास लेकर पहुंची और यह दास्तां सुनाई। जिस पर जिलाधिकारी भावुक हो गए और कार्रवाई का आश्वासन दिया। उनके निर्देश पर मंगलवार सुबह पीओ डूडा व उनकी टीम ने जाकर घर से कब्जा हटाया और इश्लोक को उसका हक दिलाया। इश्लोक के बालिग होने तक संरक्षक के तौर पर पीओ डूडा जिम्मेदारी उठाएंगे।

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