बरेली: जादुई तत्परता... फरवरी की 6300 शिकायतें अफसरों ने मार्च से पहले ही निपटा दीं

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Published By Vishal Singh
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गांव-गांव दौड़कर आईजीआरएस की समस्याओं के निस्तारण का दावा कर रहे अफसर रैंकिंग के सवाल पर आश्वस्त नहीं, इसी सप्ताह मिलनी है रैंक

बरेली, अमृत विचार। जनता अगर समस्याओं से बेहाल है तो कम से कम कागजों पर अफसर भी उनकी शिकायतों को ''निपटाने'' में कम तत्पर नहीं हैं। एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली यानी आईजीआरएस पर 28 दिनों की फरवरी में इस बार रिकॉर्ड 6300 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं लेकिन पहली मार्च को ही अफसरों के रिकॉर्ड के मुताबिक कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। हालांकि अफसरों ने कितनी गुणवत्ता के मुताबिक इन शिकायतों का निस्तारण किया है, यह कुछ दिनों बाद शासन से जारी होने वाली रैंकिंग बताएगी।

जिले में आईजीआरएस शिकायतों के बोझ से दबता जा रहा है। दरअसल, अफसरों से सीधी शिकायतों के अलावा समाधान और थाना दिवस जैसे कार्यक्रमों से राहत न मिलने की वजह से आईजीआरएस पर शिकायत करने का रुझान बढ़ा है। दरअसल, आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का पूरी गुणवत्ता और तत्परता के साथ समयबद्ध निस्तारण मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कामों में शामिल है और शासन स्तर पर ही इसकी समीक्षा कर जिलों की रैंकिंग भी जारी की जाती है, इसी कारण सर्वाधिक शिकायतें अब आईजीआरएस पर हो रही हैं। यह अलग बात है कि ये शिकायतें अफसरों के गले की फांस बनी हुई हैं। कहा जा रहा है कि लोग अब छोटी-मोटी समस्याओं पर भी आईजीआरएस पर शिकायतें कर रहे हैं, इसी वजह से उनकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।

अफसर दावा कर रहे हैं कि फरवरी में आईजीआरएस पर आई 6300 से ज्यादा शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण कर दिया गया है। ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण इलाकों से दर्ज कराई गई थीं। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए कई विभागों के अफसर गांव-गांव दौड़े हैं। खंड विकास अधिकारियों ने सबसे ज्यादा दौड़ लगाई है। अब तक कोई शिकायत डिफाल्टर भी नहीं हुई है। शिकायतों के निस्तारण के लिए खंड विकास अधिकारी, लोनिवि समेत अन्य विभागों के अधिकारी गांव-गांव दौड़े हैं। हालांकि शिकायतों के शत-प्रतिशत गुणवत्ता के साथ निस्तारण का अफसरों का दावा कितना ठोस है, यह इसी सप्ताह जारी होने वाली रैंकिंग से होगा।

जनवरी में भी शत-प्रतिशत शिकायतों के निस्तारण का किया था दावा मगर रैंकिंग में नंबर मिला 66
आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण में जिला इस बार रैंकिंग में कौन से नंबर पर रहेगा, अफसर फिलहाल इसको लेकर बहुत ज्यादा आश्वस्त नहीं दिख रहे हैं। उनका कहना है कि जनवरी में आईजीआरएस पर 6426 शिकायतें दर्ज हुई थीं। तब भी शत-प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया था, लेकिन जब 4 फरवरी को आईजीआरएस की रैंकिंग जारी हुई तब उसमें बरेली 66 वें नंबर पर आया था जो दयनीय स्थिति थी। पिछली रैंकिंग को देखते हुए जिले के अफसरों की धड़कनें इस बार भी बढ़ी हुई हैं।

सफाई... इसलिए भी लुढ़क जाती है रैंकिंग
एक अफसर का कहना है कि आईजीआरएस की रैंकिंग में शत-प्रतिशत शिकायतों के निस्तारण का फार्मूला काम नहीं करता है। दरअसल, शासन स्तर पर होने वाली समीक्षा में कई बिंदुओं पर प्वाइंट दिए जाते हैं। अगर इनमें से एक भी बिंदु पर कोई कमी बाकी रह जाती है तो माइनस मार्किंग कर दी जाती है और इसकी वजह से रैंकिंग लुढ़क जाती है।

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