कोनराड संगमा: पराजय से दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की यात्रा, जानें इनके बारे में सबकुछ

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Published By Vishal Singh
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शिलांग। वर्ष 2004 के अपने पहले चुनाव में हार का सामना करने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा एक बार फिर मेघालय के मुख्यमंत्री का पद संभालने की ओर अग्रसर हैं। वर्ष 2004 के बाद से 45 वर्षीय संगमा अपने पिता पी.ए. संगमा की तरह एक शक्तिशाली राजनेता के रूप में उभरे हैं, जो हर चुनाव के बाद मजबूत होते जा रहे हैं।

बृहस्पतिवार को जारी मतगणना में एनपीपी ने 16 सीट जीती हैं और वह नौ अन्य सीट पर आगे है। मेघालय में 27 फरवरी को राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीट पर मतदान हुआ था। अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले कोनराड संगमा अपने पिता पी.ए. संगमा द्वारा गठित एनपीपी का नेतृत्व कर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि एनपीपी, भाजपा और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर मेघालय में सरकार बना सकती है।

इससे पहले, संगमा ने कहा, ‘‘ हमारी पार्टी को वोट देने के लिए मैं राज्य की जनता का आभारी हूं। हम अब भी संख्याबल में पीछे हैं और अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उसके बाद हम आगे के रास्ते के बारे में फैसला करेंगे।’’ वर्ष 2008 में पहली बार विधायक के रूप में चुने गए कोनराड संगमा ने फाइनेंस में एमबीए की डिग्री हासिल की है और उन्होंने 2009 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।

मुकुल संगमा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में संगमा 2009 से 2013 तक विपक्ष के नेता थे। वर्ष 2015 में, उन्होंने गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद चुनाव में अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित की। अगले वर्ष उनके पिता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा के निधन के बाद वह एनपीपी के अध्यक्ष बने। 

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