लखनऊ: KGMU में रोजाना बेकार हो रहा कई यूनिट खून

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Published By Jagat Mishra
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मरीज की मौत होने या अधिक मात्रा में खून मंगवाने के बाद नही लिया जाता वापस

अमृत विचार, लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ट्रॉमा सेंटर में रोजाना कई यूनिट खून बेकार हो रहा है। इसकी वजह यह है कि मरीज को चढ़ाने के लिए डॉक्टरों द्वारा ज्यादा यूनिट खून मंगवाने या फिर मरीज की मौत होने पर खून बच जाना है। क्योंकि ब्लड बैंक में बचा हुआ खून वापस नहीं लिया जाता हैं। जिसकी वजह से रोजाना कई यूनिट खून की बर्बादी हो रही है।

केजीएमयू से अधिकारियों के मुताबिक ब्लड बैंक में करीब दो हजार यूनिट खून की उपलब्धता है। हर रोज करीब दो से ढाई सौ यूनिट खून ब्लड बैंक से जारी होता है। जबकि इतने ही यूनिट खून तीमारदारों जरिए डोनेशन में मिलता है। ट्रॉमा में हर दिन गंभीर मरीजों के लिए करीब 30-40 यूनिट खून की डिमांड आती है। इसमें कई गंभीर मरीजों को खून चढ़ने से पहले ही उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में ब्लड बैंक से जारी खून सेटेलाइट ब्लड बैंक में जमा हो जाता है। इसका प्रयोग नहीं हो पाता है। वहीं कई डॉक्टर मरीज के परिजनों से अधिक यूनिट खून की डिमांड कर लेते हैं। जबकि मरीज को एक या दो यूनिट चढ़ता है। ऐसे में बाकी बचा खून सेटेलाइट यूनिट में रखे-रखे खराब हो जाता है। जांच में सामने आया है कि ट्रॉमा में करीब 30 से अधिक यूनिट खून बेेकार हो गया है। खून खराब होने की वजह से उसे कर्मचारियों ने खराब पड़े रेफ्रीजरेटर में डाल रखा था। केजीएमयू ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक, ब्लड बैंक से जारी हुए खून को वापस नहीं लिया जाता है। मरीज की मौत होने बाद वह खून बचा हुआ होगा।

वर्जन
खून की बर्बादी न हो इसके लिए कम मात्रा में ही खून मंगाया जाता है। खून चढ़ते वक्त कई गंभीर मरीज की जान चली जाती है। ऐसे में उनकी बची यूनिट दोबारा ब्लड बैंक में वापस नहीं होती है। वही खून हर माह एक्सपायर होता है।

डॉ. संदीप तिवारी, ट्रॉमा प्रभारी

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