महिला सशक्तिकरण

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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महिलाएं देश की आबादी का आधा हिस्सा हैं, इसके बावजूद उनकी पहुंच आर्थिक गतिविधियों और निर्णय लेने की स्वतंत्रता के साथ ही स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा आदि के संसाधनों तक आसानी से नहीं है। हालांकि पिछले नौ वर्षों में देश में महिला सशक्तिकरण पर निरंतर ध्यान दिया गया है।

महिला आर्थिक सशक्तिकरण सकारात्मक विकास परिणामों और उत्पादकता को बढ़ाता है। इसके अलावा यह आर्थिक विविधीकरण और आय समानता को भी बढ़ाता है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में इस वर्ष के बजट को एक अच्छी शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रयासों को नई गति देगा। पीएम ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बजट उपरांत वेबिनार को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। 

पिछले वर्षों में सात करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं।  इन वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों ने छह लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्राप्त किया है। पितृसत्ता वाले समाज में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) उन महिला उद्यमियों के बीच एक ब्रिज के रूप में कार्य कर रहे रहे हैं जिनके पास अपना उद्यम शुरू करने की इच्छा है, लेकिन उनके पास अपने सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन और माहौल नहीं हैं।

आज बड़े पैमाने पर स्वयं सहायता समूहों की स्थापना हो रही है और इसे एक वैधानिक इकाई का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। महिलाओं ने बीते दशकों में स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।

महिलाएं सांगठनिक स्तर पर अधिक मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। उनके सामूहिक प्रयास बड़े पैमाने पर सामाजिक, आर्थिक और काफी हद तक राजनैतिक परिदृश्य पर बड़े बदलाव के साक्षी बन रहे हैं। महिलाएं संगठित हो कर ही अपनी दिशा और दशा बदल सकती हैं, ये बात वो समझ चुकी हैं।

कुल मिलाकर हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है और अब महिलाएं कई क्षेत्रों मंत काफी आगे निकल चुकी हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए इसके अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है। साथ ही महिलाओं को कौशल विकास की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उम्मीद है विश्वकर्मा योजना इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। लोगों को महिलाओं के रास्ते में आने वाली हर कठिनाई को दूर करने के संकल्प के साथ आगे आना चाहिए।