बरेली: अब हवा में नहीं घुलेगा जहर, IVRI ने सिखाई पराली नष्ट करने की तकनीक

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Published By Vikas Babu
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किसान मेले के दौरान मुख्य अतिथि सांसद व पूर्व केंंद्रीय मंत्री संंतोष गंगवार, निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त समेत अन्य(फोटो)

बरेली, अमृत विचार। अब खेतों में पराली जलाने की वजह से शहरों की आबोहवा में जहर नहीं घुलेगा। इसको लेकर आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त की अध्यक्षता में नवाबगंज के हरदुआ में एक दिवसीय किसान मेला, गोष्ठी में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में समझाया।

आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि किसान भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में विकसित प्रौद्योगिकियों को अपनाकर पशु आहार में फसल अवशेषों का उपयोग करें। इससे पशुओं की पाचन शक्ति बढ़ेगी पशु खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार ने गो पूजन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं और आईवीआरआई की तकनीक का इस्तेमाल कर आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बृजपाल सिंह ने कहा कि किसान हैप्पी सीड ड्रिल से पराली जलाने से बच सकते हैं। इससे लाइन में बीजों की बुवाई होगी। पराली के अवशेष कंपोस्ट खाद के रूप में काम करेंगे। इसके अतिरिक्त एमबी प्लाऊ (मिट्टी पलट हल) से जुताई करें।

15 से 20 दिन में फसल के अवशेष खेत में ही नष्ट हो जाएंगे। इससे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश समेत कई खादें भी प्राप्त होंगी। तीसरी कंबाइन हार्वेस्टर मल्चर से फसल अवशेष को चूरा बनाकर कल्टीवेटर, रोटावेटर की मदद से उसे मिट्टी में मिला दें। इससे भी फसलों के अवशेष जलाने नहीं होंगे। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। उसकी मिट्टी सेहतमंद होगी।

किसान मेले में करीब 482 किसानों ने भाग लिया। इसमें 115 जागरूक किसान महिलाएं थीं। सभी को तकनीकी सत्र में फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोगी कृषि यंत्र, पशुओं में फैलने वाली प्रमुख बीमारी, रोकथाम, बांझपन की समस्या, किसान कल्याण के लिए कृषि विकास एवं उद्यान विकास हेतु चलाई जा रही योजनाएं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि नवाबगंज विधायक एमपी आर्य ने कहा कि किसान आईवीआरआई की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर फसल अवशेष को खेतों में ही नष्ट करें। अपनी जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं। इस दौरान डॉ. एलसी चौधरी, डॉ. उज्जवल डे ,कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ आरएल सागर, रंजीत सिंह, राकेश पांडे, जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र कुमार चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक, ब्लाक प्रमुख नवाबगंज प्रज्ञा गंगवार, ब्लाक प्रमुख भदपुरा रश्मि गंगवार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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