अमेठी: मेले में गुमशुदा बच्चों को परिजनों से मिलाने में वरदान बनी महिला कांस्टेबल, सब करते हैं तारीफ 

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Published By Jagat Mishra
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अमेठी, अमृत विचार। संग्रामपुर के आदि शक्ति पीठ कालिकन धाम में सोमवार को विशाल मेला लगता है और माता के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दूर-दूर से श्रद्धालु अपने परिवार संग मां कालिका के दरबार पहुंचते हैं। ऐसे में परिजनों की लापरवाही से प्रत्येक सोमवार को कई बच्चे मेले में गुम हो जाते हैं। मेले व मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा घंटों मशक्कत के बाद उनको उनके परिजनों को सकुशल सौंपा जाता है।

सोमवार को भी मेले में लगभग 3 वर्ष की छोटी बच्ची अपने मां-बाप से बिछड़ गई। मेलार्थियों द्वारा उसे मेले में तैनात महिला कांस्टेबल प्रीति कुशवाहा को सुपुर्द किया गया। जिसके बाद महिला कांस्टेबल प्रीति कुशवाहा व कांस्टेबल नरेंद्र कुमार यादव द्वारा घंटों मशक्कत करके मासूम बच्ची को सनहा निवासी उसके पिता को सौंपा गया। इस दौरान महिला कांस्टेबल द्वारा रोती हुई बच्ची को चुप कराने के साथ-साथ खिलाने पिलाने की चीज खरीदकर देते हुए पूरी तरह से देखभाल कर मानवीयता का परिचय दिया गया।

कालिकन पीठाधीश्वर श्री महाराज ने बताया कि महिला कांस्टेबल प्रीति कुशवाहा मेले में खो रहे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।  प्रत्येक सोमवार को दो से तीन बच्चे मेले में खो रहे हैं जिन्हें महिला कांस्टेबल उनके परिजनों को सुपुर्द कर सराहनीय कार्य कर रही है।

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