लखनऊ: 63 गांवों से तय होगी फसलों की क्षतिपूर्ति, किसानों को मिल सकेगा Claim
बीमित फसल गेहूं, आलू व सरसों की कराई जाएगी क्रॉप कटिंग
लखनऊ, अमृत विचार। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले में बीमित की गईं रबी फसलों की क्रॉप कटिंग यानी कटाई कराकर उपज का आंकलन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन ने पांच विकास खंड के 63 गांव चयनित किए गए हैं। चयनित गांवों के चार-चार खेत लिए जाएंगे। जिसमें गेहूं, सरसों, आलू व अन्य बीमित फसलों की कटाई कर उत्पादकता मापी जाएगी। यदि बीमा के मानकों के अनुसार, उपज कम निकलती है तो क्षतिपूर्ति मानकर संबंधित किसान को क्लेम मिलेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर पूरे गांव की उपज तय होगी और अन्य किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए राजस्व, कृषि व बीमा कंपनी के अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। यह प्रक्रिया राजस्व विभाग सीसीई एग्री एप के माध्यम से करेगा।
14,053 किसानों ने कराया बीमा
जिले में 2022-23 में 14,053 किसानों ने रबी फसलों का बीमा कराया था। जिसमें गेहूं, लाही सरसों, आलू आदि शामिल हैं। बीमित क्षेत्र 6,957 हेक्टेयर है। जिसमें 41.9 करोड़ रुपये का बीमा किया गया है। जबकि 2021-22 रबी में 12,518 किसानों ने बीमा कराया था। जिसमें बारिश के कारण कुछ क्षेत्र में गेहूं की उपज कम निकली थी। ऐसी स्थिति में 792 किसानों को 28.60 लाख रुपये क्लेम मिला था।
35 से 40 क्विंटल औसतन होनी चाहिए उपज
जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह ने बताया कि क्रॉप कटिंग अप्रैल से होगी। एक हेक्टेयर में 35 से 40 क्विंटल औसतन उपज होनी चाहिए। इससे कम होने पर नुकसान मानते हैं। जिले में वर्ष 2020-21 में एक हेक्टेयर में 33 क्विंटल व 2021-22 में 34.4 क्विंटल गेहूं की पैदावार हुई थी।
ब्लॉकों में चयनित गांव-
ब्लाॅक गांव
मोहनलालगंज : 13
गोसाईंगंज : 13
मलिहाबाद : 10
माल : 11
बीकेटी : 16
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