लखनऊ: पिछड़ा वर्ग के 2.73 लाख छात्रवृत्ति के आवेदन निरस्त, सरकारी विश्वविद्यालयों की गलती छात्र-छात्राओं पर पड़ी भारी

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। विश्वविद्यालयों की गलती स्नातक के छात्र-छात्राओं पर भारी पड़ी है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं द्वारा किए गए दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के 2,73,489 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। जिन्हें विश्वविद्यालयों (एफिलियेटिंग एजेंसी) द्वारा निर्धारित समय 31 जनवरी तक पोर्टल पर लॉक नहीं किया गया था।

इस कारण योजना से तमाम डिग्री कालेज के छात्र-छात्राएं समय से आवेदन करने पर भी वंचित रह गए हैं। जबकि जुलाई से दिसंबर तक निजी व सरकारी विश्वविद्यालयों के माध्यम से कुल 17,83,363 आवेदन किए गए थे। जिनका एनआइसी से परीक्षण कराने पर 8,45,721 सही पाए गए थे। जबकि 9,37,642 आवेदन संदेहास्पद मिले।

छात्र-छात्राओं को पोर्टल पर वापस किए गए और समय रहते सुधार किया गया, जिसमें 6,64,153 आवेदन सही पाए गए और पोर्टल पर लॉक कर दिए गए। जबकि सुधारे गए 2,73,489 आवेदन सरकारी विश्वविद्यालयों ने लॉक नहीं किए और 12 मार्च को नियमानुसार सभी जिलों में पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं। ऐसे में 15,09,847 को ही लाभ मिलेगा।

अनुसूचित, सामान्य व अल्पसंख्यक वर्ग के भी लाखों आवेदन निरस्त
अनुसूचित जाति, सामान्य जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के लाखों आवेदन निरस्त किए गए हैं। जिनकी फिलहाल संख्या जारी नहीं की गई है। वैसे आवेदन पोर्टल पर निरस्त करने का समय 10 मार्च दिया गया था। लेकिन, आवेदनों की संख्या अधिक और त्योहार के कारण दो दिन बढ़ा दिए गए थे।

इन जिलों में इतने आवेदन निरस्त

वाराणसी 16684
इटावा 15985

फर्रुखाबाद 14872
कन्नौज 10969

गाजीपुर 8921

एफिलियेटिंग एजेंसियों को समय दिया गया था लेकिन तय समय पर डाटा लॉक नहीं किया। जो निरस्त कर दिया गया है। फिलहाल इस संबंध में आगे कोई निर्देश नहीं मिले हैं ...अजीत प्रताप सिंह, उप निदेशक, पिछड़ा वर्ग कल्याण मुख्यालय।

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