प्रयागराज : माफिया विजय मिश्रा को मिली सशर्त जमानत
प्रयागराज, अमृत विचार। माफिया विजय मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली है, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी विजय मिश्रा को अभी जेल में रहना होगा। संत रविदास नगर (भदोही) के प्रधान के लेटर पैड पर जाली हस्ताक्षर करने के मामले में विजय मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।
याची 14 अगस्त 2020 से आगरा जेल में बंद है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की एकल पीठ ने याची के अधिवक्ता के तर्कों को सुन कर दिया है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्राथमिकी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और सत्तारूढ़ व्यवस्था में शक्तिशाली व्यक्तियों के कहने पर दर्ज की गई है। याची ने तत्कालीन प्रधान के लेटर पैड पर जाली हस्ताक्षर नहीं किए थे। इसके साथ ही याची ने जांच एजेंसी को बदलने के लिए कभी आवेदन नहीं किया। वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है और जांच में सदैव सहयोग किया है और मुकदमे में भी शामिल हुए हैं। याची का अपना कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस अधिकारियों के लिए वह एक सुविधाजनक बलि का बकरा है, इसलिए पुलिस ने अपनी दक्षता दिखाने के लिए उसे कई मामलों में राजनीतिक विचारों के कारण गलत तरीके से नामित किया है।
इसके अलावा यह भी बताया गया कि जमानत पर रिहा होने के बाद व गवाहों को प्रभावित करने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का या दोबारा अपराध करने का कोई प्रयास नहीं करेगा। अंत में दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर न्यायालय ने व्यक्तिगत मुचलके एवं समान राशि के दो जमानतदारों को जमा करने की शर्त पर याची को जमानत दे दी।
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