लखनऊ : झलकारी बाई अस्पताल के सीएमएस का कक्ष सील

 15.86 लाख गृहकर जमा न करने पर नगर निगम ने की कार्रवाई

लखनऊ : झलकारी बाई अस्पताल के सीएमएस का कक्ष सील

लखनऊ, अमृत विचार। नगर निगम ने झलकारी बाई महिला अस्तपाल का 15,86,453 रुपये गृहकर बकाया होने पर मुख्य चिकित्साधीक्षक (सीएमएस) का कक्ष सील कर दिया है। साथ ही ऐसे आठ और बड़े बकायेदारों के भवन  भी सील किए हैं, जिन पर करीब 59 लाख रुपये बकाया है। मौके पर 3.50 लाख रुपये गृहकर वसूला भी गया है।

शुक्रवार को नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देश पर शहर में सरकारी व निजी बड़े गृहकर बकायेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। टीम ने जोन-1 अंतर्गत विधानसभा मार्ग स्थित झलकारी बाई महिला अस्पताल पर 15,86,453 गृहकर बकाया होने पर सीएमएस कक्ष सील कर दिया। यह कार्रवाई जोनल अधिकारी अलंकार अग्निहोत्री के नेतृत्व में की गई। इसके बाद नजरबाग वार्ड में महिला खदीजा का भवन सील कर दिया, जिन पर 52,910 रुपये बकाया था। इसी वार्ड की सलमा बानो, फूलबाग पर 48,916 रुपये व प्रेमलता श्रीवास्तव नया गांव पर 65,308 रुपये बकाया होने पर भवन सील कर दिए। वहीं, रानी लक्ष्मी बाई वार्ड हामिद हुसैन, अमीनाबाद पार्क पर 35,38,634 रुपये बकाया था। यह सभी सील कर दिया गया।

इसी तरह जोन-2 में जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव की अध्यक्षता में वार्ड राजाबाजार में बड़े बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जोनल अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में भवन स्वामी मो. तारिक पर 54,826 रुपये, मुत्तवल्ली कटरा जहांगीर बेग राजाबाजार पर 1,61,534 रुपये, वार्ड यहियागंज में भवन भवन स्वामी विश्वनाथ वंशीधर पर 3,39,295 रुपये व वार्ड ऐशबाग में नवाबगंज आंशिक का भुगतान न होने पर सील कर दिया है। जोन-8 में जोनल अधिकारी ननद किशोर के नेतृत्व में एक भवन पर 56,665 रुपये बकाया होने पर कार्रवाई की गई, लेकिन भवन स्वामी के मौके पर गृहकर जमा करने पर सीलिंग की कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा कुल 3.50 लाख गृहकर वसूल किया गया है।

सीएमएस ने नगर निगम पर लगाया मनमानी का आरोप

झलकारी बाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सरोज श्रीवास्तव ने नगर निगम पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा, बिना पूर्व में सूचना दिए उनकी गैरमौजूदगी में सीलिंग की कार्रवाई की गई है, जो अनुचित है। छह दिन पहले नगर निगम के लोग पुलिसकर्मियों के साथ आए थे और बकाया कर जमा करने की बात कहकर धमकी दी थी। उस दौरान अनुरोध किया था। मैंने भी हाल में ज्वाइन किया है। इसलिए विभागीय कार्यों की जानकारी कर बजट की मांग करेंगे। नगर निगम ने तीन साल का 15 लाख रुपये गृहकर दिखाया है। जबकि सालाना 2.75 लाख रुपये आता है। उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराएंगे।

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