अयोध्या: साहित्य चौपाल में रचनाएं पेश कर कवियों ने जीता दिल 

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Published By Jagat Mishra
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अमृत विचार, अयोध्या। शहीद भगत सिंह की शहादत की स्मृति में सोमवार को आरएलटीडी मेमोरियल स्कूल अरवत में जनवादी लेखक संघ की ओर से जनवादी साहित्य चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में गीत-गजल एवं कविता पाठ के साथ ग्रामीण आंचल में साहित्य और संस्कृति के प्रचार- प्रसार के लिए लोगों को जागरूक किया गया। 
      
जनवादी नौजवान सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि साहित्य का जीवन में महत्व अत्यंत मूल्यवान है, हमारी कोशिश है कि शहीदों के प्रति श्रद्धा के अर्पण से नौजवानों के बीच साहित्य की जागरुकता पैदा की जाए।  कवि-गोष्ठी का संचालन कर रहे शायर मुजम्मिल फिदा ने नशेमन वो चमन भूल न जाना, परदेस में तुम अपना वतन भूल न जाना पंक्तियां प्रस्तुत कर प्रवासियों को अपने देश की याद दिलाई। शायर इल्तिफात माहिर ने अपने शेर इंसानों में अब इतनी बेजारी देखी जाती है, अब तो मैयत में भी रिश्तेदारी देखी जाती है से मानवीय सम्बन्धों की क्षरित होती करुणा को केंद्रित किया। युवा कवयित्री गरिमा सिंह ने शहीद भगत सिंह पर लिखे अपने गीत क्या आसान होता है खेतों में बंदूकें बोना, अकेले खड़े होना आसान तो नहीं था, तुम्हारा अल्प जीवन महाकाव्य था, से  श्रोताओं को विचारमग्न कर दिया। 

इस अवसर पर देवेंद्र चौधरी, परशुराम वर्मा, दुर्गेश गुप्ता, राजेश चौधरी, आलोक तिवारी, संदीपा दीक्षित, अमरनाथ जायसवाल, सत्यनारायण श्रीवास्तव, वाजिद अली, मो. आरिफ, मो. शोएब, रवींद्र पांडेय और राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय सहित कई मौजूद रहे।


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