तमिलनाडु विधानसभा ने दूसरी बार पारित किया ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध वाला विधेयक 

तमिलनाडु विधानसभा ने दूसरी बार पारित किया ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध वाला विधेयक 

चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा ने ऑनलाइन जुआ पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक गुरुवार को दूसरी बार सर्वसम्मति से पारित किया। मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने इस विधेयक को पेश किया जिसे सभी दलों ने अपना समर्थन देकर ध्वनिमत से पारित किया। विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावु ने कहा, “तमिलनाडु ऑनलाइन जुआ निषेध एवं ऑनलाइन खेलों का नियमन विधेयक” सर्वसम्मति से पारित किया गया।

अब इस विधेयक को राज्यपाल आर. एन. रवि के पास भेजा जाएगा, जिन्होंने पहले इस विधेयक को राज्य विधानमंडल को वापस भेज दिया था। राज्यपाल ने 19 अक्टूबर, 2022 को सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित विधेयक को 08 मार्च 2023 को इस आधार पर वापस लौटा दिया था कि राज्य विधानमंडल के पास इस विधेयक को पारित करने का कोई अधिकार नहीं है। राज्यपाल ने अध्यादेश के लिए अपनी सहमति प्रदान की थी लेकिन विधेयक को विधानमंडल को वापस लौटा दिया था।

कुछ दिन पहले हालांकि, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में कहा था कि राज्यों के पासे ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयकों को पारित करने की शक्तियां हैं। राज्य में ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक 19 अक्टूबर, 2022 को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था, क्योंकि राज्य में ऑनलाइन रमी में लाखों रुपये का नुकसान होने के कारण आत्महत्याओं की बढ़ती प्रवृति देखी जा रही थी।

मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की शिफारिश के आधार पर यह विधेयक 01 अक्टूबर, 2022 को राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश की जगह लेने वाला था। मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा अगस्त 2021 में तमिलनाडु गेमिंग एवं पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम को रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस समिति का गठन किया था।

विधेयक को राज्यपाल ने इस आधार पर वापस लौटा दिया था कि राज्य विधानमंडल के पास विधेयक को लागू करने के लिए विधायी क्षमता नहीं है। राज्यपाल ने अपने निर्णय के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती देयता और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन का हवाला दिया था। पिछले वर्ष अक्टूबर में राज्य विधानसभा में पारित विधेयक को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था।

राज्यपाल ने पिछले वर्ष नवंबर में राज्य के कानूनी मामलों के विभाग को ऑनलाइन रमी पर प्रतिबंध लगाने और ऑनलाइन खेलों को विनियमित करने के लिए विधेयक की कुछ धाराओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। स्टालिन ने राज्यपाल से भी मुलाकात की थी और उनसे लंबित विधेयकों पर अपनी सहमति देने का आग्रह किया था।

स्टालिन ने विधेयक को मंजूरी देने में राज्यपाल द्वारा निर्णय में देरी पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी और कहा था कि राज्यपाल को इसके लिए कितने लोगों की मौत का इंतजार है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने विधेयक को लगभग 140 दिन तक अपने पास रखने के बाद वापस लौटाने पर राज्यपाल की कड़ी निंदा की थी, जिसमें एमडीएमके महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य वाइको और पीएमके अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. अंबुमणि रामदास भी शामिल हैं।

उन्होंने स्टालिन सरकार से विधानसभा में एक और विधेयक पारित करने का भी आग्रह किया था और कहा था कि राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार इस पर निश्चित रूप से अपनी सहमति देनी चाहिए। 

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