हल्द्वानी: आवारा जानवरों से फसल बचाने को किसान कर रहे कमाई से अधिक खर्च
आवारा गाय और सांड़ कर रहे हैं किसानों की फसल बर्बाद
किसान कर रहे तारबाड़ पर हजारों रुपए खर्च कई छोटे किसान तारबाड़ करने में नहीं हैं सक्षम पिछले सालों की तुलना में तार और एंगलों की हुई दोगुनी बिक्री 85- 90 रुपए प्रति किलो के रेट से बिक रही तार
हल्द्वानी, अमृत विचार। आवारा जानवरों के आतंक से किसान परेशान हैं। आवारा जानवर किसानों की फसल को खाने के साथ ही खड़ी फसल को रौंद देते हैं जिससे उनकी अधिकांश फसल बर्बाद हो जाती है।
किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि सरकार को आवारा जानवरों से किसान की फसल को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। सरकार को आवारा जानवरों को रखने के लिए शेल्टर हाउस बनाने चाहिए जिससे ये जानवर आवारा घूमकर किसानों की फसल को बर्बाद न करें।
किसानों का कहना है कि उन्होंने आवारा जानवरों से बचने के लिए अपनी आमदनी का एक बड़ा भाग तारबाड़ करने में खर्च कर रखा है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जो तारबाड़ करने में होने वाले खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं हैं।
ऐसे किसान दिनभर तो अपनी फसल की निगरानी रखते हैं लेकिन रात में आवारा जानवर आकर अधिकांश फसल को बर्बाद कर देते हैं जिससे किसानों का धीरे-धीरे खेती से मोहभंग हो रहा है। किसानों का कहना है कि बोआई से लेकर फसल तैयार होने तक वह दिन-रात अपनी फसल पर मेहनत करते हैं ताकि अपनी फसल का उनको अच्छा रेट मिल सके लेकिन जब उनकी फसल तैयार हो जाती है तो आवारा जानवर फसल के 50 फीसदी से अधिक भाग को नुकसान पहुंचा कर बर्बाद कर देते हैं।
