हल्द्वानी: न्यायलय पर भरोसा, लेकिन सरकार पर नहीं

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Published By Shweta Kalakoti
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असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने की बैठक, चुनाव में ताकत दिखाने का दावा

कहा, असम राइफल्स से काम सेना का लेते हैं, लेकिन वेतन पुलिस जैसी देते हैं

हल्द्वानी, अमृत विचार। असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और चेतावनी दी है कि आगामी चुनाव में वह सरकार को वोट की ताकत का एहसास कराएंगे। इसको लेकर शनिवार को कटघरिया में असम राइफल्स पूर्व सैनिक कल्याण संघ के बैनर तले बैठक आयोजित की गई। जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने हिस्सा लिया। 

बैठक में शामिल होने के लिए संघ के संस्थापक और महासचिव सूबेदार वीटी नायर हल्द्वानी पहुंचे। यहां बैठक में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा, उत्तराखण्ड में सदस्यता अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के पहले दिन बैठक आयोजित की गई है। कहा, सरकार असम राइफल्स से सेना की तर्ज पर काम लेती है, लेकिन वेतन और पेंशन पुलिस की तर्ज पर देती है।

जबकि संविधान के अनुछेद 14 में समान काम समान वेतन का प्रावधान है। इसका प्रमुख कारण है कि असम राइफल्स को दो मंत्रालयों द्बारा कमांड किया जाता है। असम राइफल्स से ड्यूटी रक्षामंत्रालय लेता है, लेकिन वेतन भत्ता गृह मंत्रालय देता है। इसके लिए संगठन कोर्ट में गया। संगठन को न्यायालय पर पूरा भरोसा है, लेकिन सरकार पर भरोसा नहीं है।

इसलिए बैठक में लोगों से आह्वान किया गया कि कि आने वाले आम चुनाव हमें अपने वोट बैंक की ताकत दिखा कर अपनी बात मनवानी है। इसलिए वह अपनी टीम असम राइफल्स पूर्व सैनिक कल्याण संघ अखिल भारतीय के राष्ट्रीय सचिव नारायण सिंह बिष्ट, पंजाब राज्य इकाई के सचिव सुरेन्द्र सिंह बाजवा, जिला नैनीताल के अध्यक्ष सूबेदार उम्मेद सिंह मेहता, जिला नैनीताल के सचिव त्रिलोक सिंह रजवार, जिला उधमसिंह नगर के सचिव दिवान सिंह के साथ 12 दिवसीय दौरे पर आए हैं। 

 

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