बरेली: 43 साल पहले अधिग्रहण सवा दो बीघा भूमि की क्षतिपूर्ति अब 26 लाख
प्रशासन ने भूमि के बदले भूमि और क्षतिपूर्ति देने के दोनों विकल्पों की रिपोर्ट हाईकोर्ट भेजी
बरेली, अमृत विचार। करीब 43 साल पहले सवा दो बीघा से अधिक भूमि अधिग्रहण कर बनाई गई सड़क के मामले में जिला प्रशासन ने दो विकल्प तैयार किए हैं। भूमि के बदले भूमि और सवा दो बीघा से अधिक भूमि का करीब 26 लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने की रिपोर्ट तैयार की है। जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट भिजवा दी है। अपर जिलाधिकारी न्यायिक आशीष कुमार दो दिन से हाईकोर्ट पहुंचे हुए हैं। 4 अप्रैल को मामले में सुनवाई है। इस प्रकरण में हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किए जाने को लेकर जिलाधिकारी और एडीएम फाइनेंस व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में पेश हो चुके हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि क्षतिपूर्ति देने के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की तैयारी है।
नवाबगंज तहसील के भदपुरा ब्लाॅक के गांव नकटी नारायणपुर में लोक निर्माण विभाग ने 1980 में ओमपाल और बृजपाल के खेत में करीब सवा दो बीघा से अधिक भूमि पर सड़क बनाई थी। उस सड़क में गई भूमि का मुआवजा न मिलने का आरोप लगाते हुए ओमपाल व अन्य ने मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार मुआवजे की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई कर हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के अफसरों से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने मामले में रूचि नहीं ली। हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई और डीएम, एडीएम फाइनेंस समेत कई अफसरों को तलब कर कमेटी गठित कर विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।
मामले में एडीएम सिटी की अध्यक्षता में एडीएम न्यायिक, एडीएम फाइनेंस और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को शामिल कर कमेटी बनाई गई थी। कुछ दिन पहले एडीएम सिटी, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने नकटी नरायणपुर गांव में सड़क की पैमाइश की पूरी रिपोर्ट तैयार की थी। पीडब्ल्यूडी के दफ्तरों में भूमि अधिग्रहण संबंधी कागजात भी खोजे गए थे। इस मामले में 13 मार्च को हुई तारीख पर एडीएम सिटी डा. आरडी पांडेय और एडीएम वित्त संतोष बहादुर सिंह हाईकोर्ट गए थे और पूरा पक्ष रखा था। अब 4 अप्रैल की तारीख लगी है। तीन दिन पहले जिलाधिकारी ने सभी अफसरों के साथ बैठक कर देर रात तक कागजात तैयार कराए थे। इसके बाद एडीएम न्यायिक इलाहाबाद के लिए रवाना हुए हैं।
एक मंत्री के फोन पर दो अफसरों पर होने वाली कार्रवाई रोकी
इस मामले में जब हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई तो प्रशासनिक अफसरों ने पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी के उच्चाधिकारियों को भेजी जानी थी। इससे पहले ही एक मंत्री ने अधिकारियों की तरफ से पैरवी की तो उस रिपोर्ट को बदलवाकर दूसरा पत्र जारी कराया था। यह बात फरवरी माह की बताई जा रही है।
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