निकाय चुनाव: अनंतिम सूची जारी होते ही चित्रकूट में मची टिकट की मारामारी
सामान्य वर्ग की सीट होते ही भाजपा में सामने आए दावेदार, पालिकाध्यक्ष का चुनाव
चित्रकूट। निकाय चुनाव के लिए रणभेरी बजने के साथ ही चहलपहल भी शुरू हो गई है। लोगों को सबसे ज्यादा उत्सुकता नगर पालिका चित्रकूट धाम कर्वी के अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर थी। अनंतिम सूची में इसे सामान्य कर दिया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा मारामारी अब सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर होगी, यह तय है। पालिकाध्यक्ष की प्रतिष्ठित सीट पाने के लिए आतुर लोग अपनी-अपनी पहुंच का इस्तेमाल करने, जुगत भिड़ाने में सूची आने के बाद से जुट गए हैं।
गौरतलब है कि इसके पूर्व जब आरक्षण की अनंतिम सूची जारी की गई थी तो यह पद पिछड़ा वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित किया गया था। तब भी भाजपा से कई दावेदार सामने आए थे पर सामान्य वर्ग के वे प्रत्याशी, जिनकी दावेदारी अन्य नेताओं से ज्यादा थी और ये लगभग तय मानकर चल रहे थे, वे मायूस हो गए थे। सामान्य वर्ग की सीट होने से अब फिर इनकी बाछें खिल गई हैं। सबसे ज्यादा खुशी निर्वतमान पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता के समर्थकों में है।
सोशल मीडिया में इन लोगों ने रिपीट, फिर एक बार जैसे टाइटलों से नरेंद्र के पक्ष में हवा बांधनी भी शुरू कर दी है। अब देखना रोचक यह होगा कि यह मुहिम कितनी कामयाब होती है। नरेंद्र गुप्ता पिछली बार सपा के समर्थित प्रत्याशी थे और पालिकाध्यक्षी की कुर्सी पाने के बाद हवा का रुख भांपकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि खुद पर लगे गंभीर आरोपों से बचने के लिए ही इन्होंने भाजपा के झंडे के नीचे आना मुफीद समझा और इनको उसका फायदा भी मिला।
नरेंद्र के अलावा भी कई दावेदार दौड़ में शामिल हैं। सबसे मजबूत दावेदारी की बात की जाए तो भाजपा उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल हैं। पंकज के समर्थक खुद भाजपा जिला इकाई में भी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि तमाम बड़े नेताओं के संपर्क में रहने के बाद भी अब तक उन्होंने किसी पद के लिए दावेदारी नहीं की। आम से खास लोगों तक उनकी पहुंच और मिलनसार स्वभाव उनको टिकट दिला दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा युवा भाजपा नेता शानू गुप्ता की फैन फालोइंग भी कम नहीं। एक व्यापारी संगठन के पदाधिकारी होने की वजह से व्यापारी समुदाय में इनकी अच्छी खासी पैठ है। पार्टी के सूत्र तो बताते हैं कि खुद भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इसके पीछे वह अपनी निर्विवाद छवि को ढाल बना रहे हैं और उनके कई समर्थक उनके नाम को आगे बढ़ा भी रहे हैं।
इसके अलावा भाजपा नेता रामबाबू गुप्ता, छोटेलाल गुप्ता, अरुण गुप्ता पूर्व सभासद आदि भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। देखना यह होगा कि मैदान में उतरने से पहले की इस जंग को कौन जीतता है। हालांकि अभी छह अप्रैल के बाद ही अनंतिम सूची अंतिम सूची में बदलकर फाइनल रूप लेगी।
कानपुर से तय होगा नाम
नगरपालिका प्रत्याशी का चयन हालांकि कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय कार्यालय से होगा। पार्टी के संविधान के मुताबिक, जिले की कोर कमेटी यहां से तीन नामों को कानपुर भेजेगी। कोर कमेटी में जिला प्रभारी देवेश, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे, निर्वतमान अध्यक्ष के नाते पूर्व राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सांसद आरके पटेल, जिला पंचायत अशोक जाटव शामिल होंगे। अगर चंद्रप्रकाश चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करेंगे तो उनका नाम स्वतः कोर कमेटी से बाहर हो जाएगा।
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