बरेली: हमेशा नफरत के खिलाफ लड़े रेहान-ए-मिल्लत

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Published By Om Parkash chaubey
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दरगाह आला हजरत पर मना रेहान रजा खां का उर्स, उलमा ने की तकरीर

बरेली, अमृत विचार : दरगाह परिसर में सोमवार को आला हजरत के पोते मुफ्ती रेहान रजा खां रहमानी मियां के 38 वें एक दिवसीय उर्स के दौरान शाम को हुए सामूहिक रोजा इफ्तार में दूरदराज के हजारों अकीदमंदों ने शिरकत की। सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुल्क-ओ-मिल्लत की खुशहाली के लिए खुसूसी दुआ की।

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सुबह आठ बजे महफिल का आगाज कारी रिजवान रजा ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा हाजी गुलाम सुब्हानी, आसिम नूरी और मुस्तफा मुर्तजा अजहरी ने हम्द, नात और मनकबत का नजराना पेश किया। दरगाह के सरपरस्त सुब्हानी मियां की सदारत और सैयद आसिफ मियां, मुफ्ती जमील, मुफ्ती मोइन, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती सैयद शाकिर अली की मौजूदगी में उलमा की तकरीर का सिलसिला शुरू हुआ।

मुफ्ती अय्यूब खान नूरी ने रेहाने मिल्लत को खिराज पेश करते हुए उन्हें इल्मी मुकाम की मुमताज शख्सियत बताया। कारी अब्दुर्रहमान खान कादरी ने कहा कि रेहान-ए-मिल्लत को नातिया शायरी में महारत हासिल थी। मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि उन्होंने मुल्क में सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ नफरत के खिलाफ और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की।

मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स की शुरुआत फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी से हुई। सुबह 9:58 मिनट पर कारी रिजवान रज ने फातिहा पढ़ी। दुआ सदर मुफ्ती आकिल रजवी ने की। दिन भर गुलपोशी और चादरपोशी का सिलसिला चलता रहा।

उर्स के सुब्हानी मियां की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सदारत और सैयद आसिफ मियां की देखरेख में हुए। व्यवस्थाओं में हाजी जावेद खान, शाहिद नूरी, मंज़ूर खान, अजमल नूरी, परवेज़ नूरी, ताहिर अल्वी, औररंगज़ेब नूरी, हाजी अब्बास नूरी, ज़हीर अहमद, अबरार उल हक आदि का सहयोग रहा।

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