बरेली: 312 करोड़ बकाया, चीनी मिलें बंद होनी शुरू

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Published By Om Parkash chaubey
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नवाबगंज में ओसवाल मिल में पेराई हुई बंद, मगर देनदारी बरकरार, भुगतान करने में सबसे पीछे बहेड़ी की केसर इंटर प्राइजेज

बरेली, अमृत विचार: जनपद की चीनी मिलों में गन्ना पेराई सत्र अब अंतिम चरण में है। बहेड़ी, फरीदपुर, मीरगंज और सेमीखेड़ा स्थित चीनी मिलें चल रही हैं। जबकि नवाबगंज में चीनी मिल में पेराई बंद हो चुकी है। फरीदपुर और मीरगंज की चीनी मिलों को छोड़कर बाकी पर 312 करोड़ बकाया चल रहा है। समय से भुगतान न होने से किसान परेशान हैं। गन्ना विभाग ने बकाया भुगतान करने में देरी पर मिल प्रबंधकों को नोटिस भेजा है।

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भुगतान करने के मामले में बहेड़ी की केसर इंटर प्राइजेज सबसे पीछे है। नवाबगंज की ओसवाल और सेमीखेड़ा स्थित सहकारी चीनी मिल पर भी बकाया है। वहीं, मीरगंज और फरीदपुर की चीनी मिलें निर्धारित समय में शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं। गन्ना क्रय अधिनियम में मिल में गन्ना सप्लाई करने के 14 दिनों के अंदर किसानों को भुगतान करना होता है।

इसमें देरी पर निर्धारित समय के बाद 15 फीसदी की दर से बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज देने का प्रावधान है, लेकिन चीनी मिल प्रबंधकों की मनमानी और विभाग के जिम्मेदारों की सुस्ती के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। आंकड़ों के अनुसार जनपद में अभी 77 प्रतिशत भुगतान हुआ है।

जिन मिलों पर भुगतान बकाया है, उनके प्रबंधन को नोटिस भेजा जा रहा है, ताकि किसानों को भुगतान के लिए परेशान न होना पड़े।- यशपाल सिंह, जिला गन्ना अधिकारी

इन चीनी मिलों पर है बकाया: बहेड़ी / केसर इंटरप्राइजेज-16425.15 लाख, नवाबगंज/ओसवाल-8190.57 लाख, सेमीखेड़ा/सहकारी मिल-3489.60 लाख

(नोट: गन्ना विभाग के 10 अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार)

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