मुरादाबाद  : ये तो शुरुआत है, उड़ान अभी बाकी है...

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Published By Bhawna
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यूपी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल का टिकट किया पक्का

मुरादाबाद , अमृत विचार। यूपी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता सोनिया ने सभी पारिवारिक समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए कामयाबी की दास्तां लिखी है। वह उन लोगों के लिए उदाहरण है जो परिस्थितियों का हवाला देकर किस्मत को कोसते हैं। सोनिया का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 5.92 मीटर की छलांग लगाकर एशिया चैम्पियनशिप का टिकट कटाना है। जिसकी तैयारी में वह अभी से जुट गई है। 

धनौरा में 2 जुलाई 2004 को एक गरीब परिवार में सोनिया का जन्म हुआ। परिवार में पिता वरम सिंह, माता राखी और दो भाई और दो बहन हैं। वह चौथे नंबर की संतान है। सोनिया ने बताया कि जब वह बहुत छोटी थी। तभी पिता पूरे परिवार के साथ नवीन नगर आ गए। यहां उन्होंने मजदूरी कर परिवार को पालना शुरू कर दिया। सोनिया ने दस साल पहले सोनकपुर स्टेडियम में प्रवेश लिया। जहां उन्होंने लांग जम्प में अभ्यास शुरू किया। लेकिन, स्टेडियम में कोच न होने से सोनिया का खेल आगे नहीं बढ़ पा रहा था। कई बार उन्होंने स्टेडियम छोड़ने का मन बनाया। मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लांग जम्प के सभी खिलाड़ियों ने  निजी कोच रखने की योजना बनाई। जिसके बाद कोच सौरभ ने प्रशिक्षण देना शुरू किया। 

उन्होंने सोनिया के खेल को निखारना शुरू किया। सोनिया ने 2016 में गोरखपुर में पहला स्वर्ण पदक जीता। अभी तक वह राज्य स्तर पर सात गोल्ड जीत चुकी है।  हाल ही में 9 व 10 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित हुई यूपी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतकर उन्होंने नेशनल का टिकट पक्का कर लिया। सोनिया ने बताया कि नेशनल प्रतियोगिता में 5.92 मीटर की छलांग लगाकर एशियन चैम्पियनशिप का टिकट पक्का करना उनका लक्ष्य है।  

 बेटी की कामयाबी से बहुत खुश हूं। उसने मेरा नाम रोशन किया है। उसके खेल के लिए मुश्किल तो होती है, मगर उसकी कामयाबी मुझे पैसे जुटाने के लिए प्रेरित करती है। बेटी की कामयाबी पर नाज है। - वरम सिंह, पिता

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