बरेली: तीन सौ बेड अस्पताल में और डंप हुए आठ करोड़ के उपकरण

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। तीन सौ बेड अस्पताल भले ही पब्लिक को चिकित्सा सुविधाएं नहीं दे पा रहा है लेकिन यहां पैसा फूंकने की गुंजाइश बरकरार है लिहाजा लगातार पैसा फूंका जा रहा है। आईपीडी चलाने के लिए सरकार की ओर से दी गई आठ करोड़ से ज्यादा धनराशि से उपकरण भी खरीदकर स्टोर रूम में डंप कर दिए गए हैं लेकिन आईपीडी शुरू होने का अभी दूर-दूर तक पता नहीं है।

बरेली के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सुविधा देने के लिए 2016 में सपा के शासन में बना तीन सौ बेड का अस्पताल अब तक उम्मीदें पूरी करने की स्थिति में नहीं है। पहले तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन ने इन उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया, फिर सिस्टम की अनदेखी ने लंबे समय तक करोड़ों से बनी इस इमारत को अस्पताल में तब्दील नहीं होने दिया। 2019 में जब कोविड का दौर शुरू हुआ तो आपात स्थिति में आननफानन कुछ डॉक्टरों और स्टाफ की तैनाती कर इस इमारत को कोविड अस्पताल घोषित किया गया। दिसंबर 2022 में तत्कालीन कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने इस अस्पताल में जनरल ओपीडी शुरू करने का आदेश देने के साथ यहां आईपीडी शुरू करने के लिए शासन को बजट का प्रस्ताव भेजा।

इस प्रस्ताव पर दिसंबर में ही शासन ने करीब 8.33 करोड़ धनराशि स्वास्थ्य विभाग को भेज दी। स्वास्थ्य विभाग ने काफी तेजी से उपकरणों की खरीद कर बजट तो करीब-करीब खत्म कर डाला लेकिन आईपीडी कब शुरू होगी, इस सवाल का जवाब अब भी किसी के पास नहीं है। दरअसल, आईपीडी चलाने के लिए जिस स्टाफ की जरूरत है, वह है ही नहीं न ही जल्द भर्ती होने के आसार नजर आ रहे हैं। संयुक्ता समद्दार का ट्रांसफर हो जाने से रही-सही संभावना पर भी पानी फिर गया है।

आईपीडी के लिए खरीदे गए ये उपकरण
शासन की ओर से भेजे गए बजट से डीप फ्रीजर, स्ट्रेचर, मरीजों के बेड, अलमारी, ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर, बाइपैप, आईसीयू बेड समेत तमाम उपकरणों की खरीद कर ली गई है। इन सभी उपकरणों को फिलहाल अस्पताल के स्टोर रूम में डंप कर दिया गया है।

इन पदों पर होनी है भर्ती
तीन फिजिशियन, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक चर्म रोग विशेषज्ञ, एक पैथोलॉजिस्ट, एक रेडियोलॉजिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ में दो लिपिक, 10 स्टाफ नर्स, छह फार्मासिस्ट, चार लैब टेक्नीशियन, दो एलए, दो एक्सरे टेक्नीशियन, एक डीआरए, 15 वार्ड ब्वाय, 10 वार्ड आया, 15 सुरक्षा गार्ड/चौकीदार, दो ईसीजी टेक्नीशियन। इसके अलावा दो वाहन चालक, दो रिकार्ड कीपर, दो प्लंबर, दो इलेक्ट्रिशियन, दो रिसेप्सनिस्ट, आठ लिफ्ट ऑपरेटर, दो जनरेटर ऑपरेट और छह माली।
वर्जन

शासन से मिले बजट से उपकरण खरीदे जा रहे हैं। अब तक 95 फीसदी बजट का उपयोग हो चुका है। स्टाफ की कमी पूरी करने के लिए पहले ही शासन को पत्र लिखा जा चुका है। अभी आईपीडी चलाने के बारे में कोई आदेश नहीं मिला है।-डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ

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