बरेली: आप भी हरी सब्जियों के साथ बीमारी तो नहीं ले जा रहे घर

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। कोई भी बता देगा कि हरी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं लेकिन मुनाफाखोर इसे भी गलत साबित कर रहे हैं। सब्जियों को तरोताजा और चमकदार दिखाने के लिए जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, वे उन्हें सेहत के लिए खतरनाक बना देते हैं। सिर्फ यही नहीं, सब्जियों ऑक्सीटॉक्सिन इंजेक्शन का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है जो जल्द उनका आकार और वजन तो बढ़ा देता है लेकिन सारे गुणों को नष्ट कर मानव स्वास्थ्य के लिए घातक बना देता है।

सब्जियों को रंगने का खेल सभी सब्जी मंडियों में चलता है। इससे ऐसी सब्जियां भी ताजा दिखने लगती हैं जिनका कई दिन पुरानी होने की वजह से रंग फीका पड़ने लगता है। खीरा, करेला, भिंडी, टिंडा, परवल, गोभी, मटर जैसी सब्जियों में रंग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। डेलापीर और श्यामगंज की सब्जी मंडी में थोक दुकानदार ज्यादा मात्रा में बासी हुई सब्जियों को रंगने के लिए आसपास के ग्रामीण इलाकों में भेज देते हैं जहां रासायनिक रंगों का इस्तेमाल कर उसे फिर मंडी में भेज दिया जाता है।

मेलाकाइट ग्रीन से रंगी जाती हैं सब्जियां
डेलापीर मंडी के एक आढ़ती ने नाम न छापने की गुजारिश करते हुए बताया कि थोक विक्रेता जिनके यहां ट्रकों से सब्जियां उतरती हैं, वहां सब्जियों को रंगने का काम काफी समय से चल रहा है। बासी सब्जी भी ताजी दिखे, इसके लिए मेलाकाइट ग्रीन नाम के खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने के बाद सब्जियों का रंग न सिर्फ गाढ़ा हो जाता है बल्कि वे चमकदार भी हो जाती है। रंगी हुई सब्जियों के दुष्परिणाम से नावाकिफ ग्राहक उन्हें ज्यादा बेहतर समझते हैं और ज्यादा पैसे देकर भी खरीद लेते हैं। कृषि जानकार कुलदीप विश्नोई बताते हैं कि इस रंग में कॉपर सल्फेट होता है जो काफी घातक होता है। जिन सब्जियों का वजन और आकार ऑक्सीटोसिन से बढ़ाया जाता है, वे भी मानव स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं।

सब्जियों की सैंपलिंग को भी एफएसडीए की न
शहर की मंडियों के साथ ग्रामीण इलाकों के बाजार में भी सब्जी और फलों को रंगने का गोरखधंधा काफी समय से चल रहा लेकिन खाद्य विभाग इससे पूरी तरह बेखबर बना रहता है। सब्जियों के सैंपल की जांच भी आमतौर पर नहीं कराई जाती। विभाग के छापे किराना और मिठाई की दुकानों तक सीमित रहते हैं, वह भी त्योहारी सीजन में। फल और सब्जियों की जांच न होने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

लिवर कैंसर का खतरा, पहले गर्म पानी से धोएं
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. वागीश वैश्य के मुताबिक सब्जियों में रासायनिक रंगों का इस्तेमाल जानलेवा है। ऐसी सब्जियां खाने से कब्ज, पेट फूलना, पेट में दर्द, उल्टी, भूख न लगना आम बीमारियां हैं। इसके अलावा लिवर और किडनी में इन्फेक्शन तक हो सकता है। लंबे समय तक ऐसी सब्जियां खाना लिवर कैंसर तक का कारण बन सकती हैं। इसलिए सब्जियों की चमक देखकर उन्हें कभी नहीं खरीदना चाहिए। ताजी सब्जी खरीदकर घर में गर्म पानी से धोकर बनानी चाहिए। गर्म पानी से धोने से उसके ऊपर मौजूद रसायनिक रंग काफी हद तक निकल जाता है।

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