बरेली: मौलाना तौकीर रजा खान 'हाउस अरेस्ट', पुलिस ने घर के बाहर डाला डेरा

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Published By Vishal Singh
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बरेली,अमृत विचार। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान और उनके समर्थक आज इस्लामिया मैदान में धरना देने पर अड़े हुए हैं। जिसको देखते हुए मौलाना तौकीर रजा के आवास से लेकर इस्लामिया मैदान तक भारी फोर्स तैनात किया गया है। वहीं, मौलाना तौकीर रजा खान को धरना प्रदर्शन स्थल तक न पहुंचने के लिए पुलिस ने तमाम बंदोबस्त कर रखे हैं। इस दौरान तौकीर रजा समेत छह लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है।

साथ ही मौलाना तौकीर रजा ने अतीक और अशरफ की हत्या मामले में सीएम योगी को 120 बी के तहत आरोपी बनाने की मांग करते हुए कहा था कि अदालतें खतरे में हैं। वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता को पर्दे में रहने दिया जाए। क्योंकि इस्लाम में पति की मौत के बाद महिलाएं चार महीने तक पर्दे में रहती हैं। अपनी इन मांगों को लेकर उन्होंने इस्लामिया मैदान में बुधवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का ऐलान किया था। जिसके बाद से पुलिस अलर्ट मोड पर है और मौलाना तौकीर रजा के आवास से लेकर इस्लामिया मैदान तक भारी फोर्स को तैनात कर दिया गया।

मौलाना तौकीर रज़ा बीती रात को ही बिहारीपुर चौकी के पास आईएमसी के पूर्व जिला अध्यक्ष नदीम खान के निवास पर पहुंच गए। जिसकी जानकारी होते ही इस्लामिया मैदान और आसपास के इलाके में भारी फोर्स को तैनात कर दिया गया। वहीं आज मौलाना तौकीर रजा और उनके समर्थक धरना देने पर अड़े रहे। जिस पर पुलिस अधिकारियों ने साफ बोल दिया कि किसी भी हाल में धरना नहीं देने देंगे। जिसको लेकर मौलाना तौकीर रजा के समर्थकों की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। आखिर में पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत छह लोगों हाउस अरेस्ट कर लिया।

दरअसल, बीते दिनों पुलिस की कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद दो दिन पहले मौलाना तौकीर रजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रदेश सरकार पर तीखे वार किए थे। इसके अलावा यूपी पुलिस पर किराए के गुंडों से अतीक और अशरफ हत्या कराने का आरोप लगाया था। 

वहीं उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू है, जिसका पालन कराने के लिए एसएसपी ने कड़े निर्देश दिए हैं। इसके अलावा लखनऊ से डीजीपी आरके विश्वकर्मा पल पल की सूचना कप्तान से ले रहे हैं। 

इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि इस वक्त प्रदेश में मनहूसियत का दौर चल रहा है, कोई भी कुछ सुनने और अच्छा काम करने को तैयार नहीं है। अगर कोई अच्छा काम या अच्छी बात कहना चाहता है तो उसे बलपूर्वक रोक दिया जाता है। हमें भी धरनास्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया। जबकि वो सिर्फ शांतिपूर्वक धरना देकर अपनी मांगें उठाना चाह रहे थे।

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