अयोध्या : पहले निगम चुनाव में महज तीन हजार वोटों से जीती थी भाजपा

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । नगर निगम चुनाव के लिए मैदान सज चुका है। चारों प्रमुख पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी भी मैदान में उतार दिए हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा और सपा में ही सीधी टक्कर दिख रही है। भाजपा से मेयर पद के प्रत्याशी महंत गिरीशपति त्रिपाठी और सपा प्रत्याशी डॉ. आशीष पांडेय दीपू में कांटे की लड़ाई होने के आसार हैं। 2017 के निगम चुनाव में भी भाजपा और सपा के बीच ही असल मुकाबला था। उस दौरान भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय ने सपा प्रत्याशी दिवंगत किन्नर गुलशन बिंदु को 3001 वोटों से हराया था।

कांग्रेस ने महापौर प्रत्याशी के रूप में इस बार महिला कैंडिडेट प्रमिला राजपूत को उतारा है, जबकि बसपा ने राम मूर्ति यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2017 के निगम चुनाव की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय को 44642 मत मिले थे, जबकि सपा प्रत्याशी ने 41041 वोट हासिल किए थे। हालात यह थे कि सियासी पंडित भी भौंचक्के रह गए थे। वोटों की गिनती जारी थी और दोनों ही दलों के समर्थकों में कभी खुशी तो कभी गम फैल रहा था। अंतत: तीन हजार वोटों से भाजपा प्रत्याशी के विजय होने की घोषणा के बाद समर्थकों की जान में जान आई थी। 

बसपा प्रत्याशी राममूर्ति कर सकते हैं कमाल

पिछले चुनाव में कांग्रेस, बसपा और आप समेत सभी निर्दल प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी, लेकिन इस बार बसपा प्रत्याशी राममूर्ति यादव कुछ कमाल जरूर कर सकते हैं। अगर ठीक-ठाक लड़े तो चुनाव को त्रिकोणीय भी बना सकते हैं। वह यादव वोट अपनी ओर खींच सकते हैं। इससे सपा की कुछ मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह देखा गया था कि यादव जाति का रुख समाजवादी पार्टी की तरफ गया था।

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