अयोध्या: लावारिसों के इलाज का इंतजाम नहीं, एक माह में ही 10 ने तोड़ा दम

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Published By Jagat Mishra
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श्रीराम से जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज तक चलता है रेफर-रेफर का खेल 

अमृत विचार, अयोध्या। जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे बुजुर्गों को अयोध्या आने पर भी मोक्ष नहीं मिल पा रहा है। सरयू घाट और मंदिरों के सामने भजन कीर्तन कर अपनी जिंदगी का गुजारा लावरिसों की तरह करने वाले बुजुर्ग अगर बीमार हो जाएं तो उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे तमाम मरीज इलाज के अभाव में छटपटाते नजर आते हैं। श्रीराम अस्पताल से जिला अस्पताल और फिर दर्शन नगर अस्पताल के चक्कर काटने में ही उनकी बीमारी से मौत हो जाती है। बीते एक माह में ऐसे ही मामले में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
     
समाजसेवी रितेश दास बताते हैं कि बीते मार्च और अप्रैल में अलग-अलग स्थानों से लावारिसों को इलाज के लिए श्रीराम अस्पताल ले गए थे, जिसमें 1 मार्च को काशी राम कॉलोनी से, 13 मार्च को सूर्या पैलेस नेशनल हाईवे से, 13 मार्च को ही लक्ष्मण घाट गया मंदिर के पास से, 31 मार्च को अयोध्या हाईवे सरयू पुल से, 4 अप्रैल को लक्ष्मण किला मंदिर के पास से, 5 अप्रैल को पंजाब नेशनल बैंक कठिया मंदिर के पास से, 8 अप्रैल को दंत धवन कुंड के पास से, 16 अप्रैल को नागेश्वरनाथ मंदिर के पास से, 19 अप्रैल को नेशनल हाईवे से, 22 अप्रैल को बैंक ऑफ बड़ौदा के पास से एक वृद्ध को श्रीराम अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, जहां उन्हें दर्शन नगर रेफर कर दिया गया। 

श्रीराम अस्पताल के सीएमएस सत्येंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल में अलग से कोई वार्ड निश्चित नहीं किया गया है, लेकिन अभी कुछ बदलाव किए गए हैं। लावारिस मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अभी लावारिसों के लिए सिर्फ मेडिकल कॉलेज में अलग से व्यवस्था है। प्रथम दृष्टिगत श्रीराम अस्पताल में जो इलाज संभव रहता है उसे करने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज के लिए भेज देते हैं।

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