श्रावस्ती: फिरौती के लिए युवक का अपहरण और हत्या मामले में नौ लोगों को उम्रकैद

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ/ श्रावस्ती। श्रावस्ती की एक अदालत ने अठारह वर्ष पूर्व फिरौती के लिए युवक का अपहरण कर उसकी हत्या किए जाने के मामले में नौ लोगों को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एस.बी. सिंह ने मंगलवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित न्यायालय) अजय सिंह ने सोमवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद सभी नौ आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास व 56-56 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

अधिवक्ता एस.बी. सिंह ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि अक्टूबर 2004 में ऐलहवा गांव के रहने वाले विद्याराम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका छोटा भाई संतोष कुमार (18) गायब हो गया है। पुलिस ने गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसी बीच संतोष के पिता को माओवादियों की ओर से फिरौती मांगने और फिरौती न मिलने पर उसकी हत्या करने संबंधी फर्जी चिट्ठियां भेजकर पुलिस व परिजनों को गुमराह करने की भी कोशिश हुई। 

पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बुद्धिसागर, रामनरेश, रवि प्रकाश, बैरागी पासी व जवाहर पासी को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की। इनकी निशानदेही पर एक नाले से संतोष की लाश बरामद कर पुलिस ने चार अन्य अभियुक्तों बद्री, पतिराम, तीरथराम व लल्लू को गिरफ्तार किया था। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि मामले में अदालत ने सोमवार को सजा सुनाई।

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