बरेली: कम पानी में भी होगी धान की अच्छी पैदावार, अगले महीने शुरू हो जाएगी बुवाई
बरेली, अमृत विचार। धान की फसल के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है। बहुत से किसान पानी की समस्या को लेकर परेशान रहते हैं, ऐसे में कृषि विशेषज्ञ सरवती धान की पैदावार पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कम पानी में तैयार होने वाला यह धान पकने पर अपने मूल आकार से दोगुना हो जाता है।
जिले में करीब पौने दो लाख हेक्टेयर में धान की खेती है। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड कृषि विशेषज्ञ विजय चौहान बताते हैं कि जनपद में बड़े पैमाने किसान कई वैरायटी का मोटा और पतला धान उगाते हैं। वह धान की परंपरागत बुवाई में 20 से 25 दिन की पौध खेत में तैयार कर उसमें पानी भरकर छोड़ देते हैं।
दूसरी पद्धति में धान के बीज को सीधी बुवाई जीरो टिल ड्रिल से हो जाती है। प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश कन्नौजिया ने बताया कि मोटे धान की उपज पतले धान की अपेक्षा ज्यादा होती है, लेकिन पतला धान मोटे धान से महंगा बिकता है। औसतन उपज भी 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ होती है जबकि पतले धान की औसत पैदावार 20 से 25 क्विंटल तक ही होती है, लेकिन पतला धान मोटे धान से महंगा बिकता है।
मोटे व पतले धान की लोकप्रिय प्रजातियां
मोटे धान में पीआर 113, 114, 121, नरेंद्र, जया, गजराज आदि किस्मों की बुवाई की जाती है। जबकि पतले धान में ज्यादातर हाइब्रिड किस्म के धान किसानों में लोकप्रिय बताए जाते हैं। जिसमें शरबती, रेशम बासमती, 1121 बासमती, बीएच 21, ताज बासमती, बसंती आदि हैं। किसान विजय चौहान बताते हैं कि मोटे धान के बीज काफी सस्ते और पतले हाइब्रिड किस्म के बीज महंगे मिलते हैं।
दुकानदार बोलें-
धान की बुवाई का समय 15 मई से शुरू होगा, लेकिन किसान अभी से दुकान पर धान के बीज की किस्में जानने के लिए पहुंच रहे हैं। आंवला, भमोरा, बल्लिया की तरफ से हाइब्रिड धान अधिक होता है। इसलिए ताज, बीएच 11, चंदन 21, पीवी 1509 आदि किस्म का बीज क्षेत्र के किसान अधिक उपयोग करते हैं---आदेश प्रताप, बीज विक्रेता देवचरा
पतले धान की अपेक्षा मोटा किस्म के धान की पैदावार इस बार अधिक होने की संभावना है। मोटे धान में पीआर 113, 121, नरेंद्र किस्म के बीज की मांग नवाबगंज, हाफिजगंज से जुड़े इलाकों में अधिक रहती है। इसकी खास बात यह भी है कि पतले हाइब्रिड किस्म के बीज से यह सस्ता होता है--- संतोष, बीज विक्रेता हाफिजंगज।
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