प्रदेश की लोक संस्कृति और कला को करें संरक्षित- उषा ठाकुर
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भोपाल। मध्यप्रदेश की संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का नाम महाराजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय रखा जाना चाहिए। इससे न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ेगा। उषा ठाकुर ने मंत्रालय में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की चतुर्थ बैठक के दौरान कहीं।
साधारण परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उपाध्यक्ष मंत्री ठाकुर हैं। साधारण परिषद ने विश्वविद्यालय ने नाम बदलने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया। साधारण परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय का प्रगति विवरण और वित्तीय प्रतिवेदन पढ़ा गया।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की लोक कला, लोक नृत्य, लोक नाट्य, लोक गायन आदि को संरक्षित करने का प्रयास करें। साथ ही नए विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम बनाए। संगीत और कला भारतीय संस्कृति का प्राण है। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्ष 2014 की साधारण परिषद में हुए निर्णय का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। सदस्यों की समिति बनाकर पुराने निर्णय के पालन का मूल्यांकन भी करें।
साथ ही हर वर्ष साधारण परिषद की बैठक आयोजित करें। विश्वविद्यालय की कमियों और अभावों को समय-समय पर दूर किए जाने की दिशा में कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय की कीर्ति और कार्यप्रणाली को सुस्थापित करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति एवं परिषद के सचिव प्रोफेसर पंडित साहित्य कुमार नाहर, परिषद के सदस्य प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, उप सचिव उच्च शिक्षा डी.पी. सिंह, संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश पाठक, सुंदरलाल मालवीय, चंद्रप्रताप सिंह सिकरवार, अतुल अधौलिया, अनीता करकरे और रेखा भटनागर उपस्थित रहे।
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