सटीक इलाज में जांचों की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रो. सतेन्द्र सोनकर

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में आयोजित दो दिवसीय पीजी मेडिसिन अपडेट सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यशाला (CME) का रविवार को समापन हो गया। इस अवसर पर आयोजित क्विज कंपटीशन में सबसे ज्यादा मेडल केजीएमयू के मेडिसीन विभाग को मिला है। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार केजीएमयू के डॉ. रजत और बरेली के डॉ. अमनदीप को मिला है। वहीं द्धितीय पुरस्कार केजीएमयू के डॉ.नमन और डॉ. किशलय को मिला है।  

दरअसल, एपीआई (यूपी चैप्टर और लखनऊ चैप्टर) के तत्वावधान में केजीएमयू के मेडिसिन विभाग की तरफ से शनिवार को दो दिवसीय पीजी मेडिसिन अपडेट सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम (सीएमई) का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रो. मनोज और प्रो. अनीत परिहार ने पीजी स्टूडेंट्स को बेहतर इलाज के लिए डाइग्नोसिस के महत्व  की जानकारी देते हुये गुणवत्तापूर्ण डाइग्नोसिस बनाने की विधा भी बताई। 

केजीएमयू स्थित मेडिसिन विभाग के प्रो. सतेन्द्र सोनकर ने बताया कि मरीज के बेहतर इलाज में जांचों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीमारी की पहचान और उसकी सही डाइग्नोसिस बनाने में जांचों का उपयोग किया जाता है। जांचों के आधार पर ही डाइग्नोसिस बनती है। ऐसे में सटीक जांच होना बहुत ही जरूरी है। जिससे मरीज का इलाज बेहतर हो सके।

मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मेधावी गौतम ने बताया कि जल्द ही एक एमआरआई मशीन केजीएमयू में लगाई जायेगी। यह मशीन पहले लगी मशीन से बेहतर जांच परिणाम देगी। 3.0 टेस्ला  अत्याधुनिक मशीन है। इसको लगाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।

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