UP News: अपनी खाली जमीन पर कमजोर वर्ग के लिए आवासीय योजना शुरू करेगा यूपी शिया वक्फ बोर्ड

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड अपनी मुक्त कराई गई और अन्य खाली पड़ी जमीन पर शिया समुदाय के कमजोर वर्गों के लिए जल्द ही आवासीय योजना शुरू करेगा। बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने सोमवार को यहां अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर बातचीत में कहा कि वक्फ बोर्ड शिया समुदाय के कमजोर वर्गों के लिए जल्द ही आवासीय योजना शुरू करेगा।

उन्होंने कहा कि इसके तहत बोर्ड चयनित पात्र लोगों को 350 वर्ग फुट का मकान बनवाने के लिए अपनी मुक्त कराई गई और खाली पड़ी भूमि में से जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। जैदी ने बताया कि बोर्ड की एक कमेटी उस मकान का निर्माण कराएगी जिसकी कीमत आबंटी को निर्धारित किस्तों में जमा करनी होगी। बोर्ड इस उपलब्ध कराई गई जमीन के किराए और मकान के रखरखाव के लिए मामूली रकम वसूलेगा। 

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि इस योजना के तहत पात्रता की शर्तें प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए निर्धारित नियम-कायदों से मिलती-जुलती होंगी। पात्रों का चयन लॉटरी के जरिए किया जाएगा। जैदी ने बताया कि बोर्ड ने निम्न-मध्यम वर्ग के उन लोगों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है जो कहीं किराए पर रह रहे हैं और अभी तक अपना मकान नहीं बनवा पाए हैं। 

उन्होंने कहा कि इस योजना से उन जमीनों पर सार्थक निर्माण हो जाएगा जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को मकान भी मिलेंगे और वक्फ बोर्ड की आमदनी भी बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना की शुरुआत लखनऊ के इमदाद हुसैन कर्बला से की जा रही है। शुरू में इस योजना के लिए लखनऊ, अमरोहा, जौनपुर, बिजनौर और मुजफ्फरनगर को चुना गया है, जहां शिया तबके की बड़ी आबादी रहती है और जहां प्रचुर मात्रा में शिया वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं। 

जैदी ने बताया कि इसके अलावा बोर्ड व्यवसायिक क्षेत्रों में भूखंड आवंटित करने की भी योजना बना रहा है। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि वक्फ की संपत्तियां भूमाफियाओं के लिए सबसे 'सॉफ्ट टारगेट' होती हैं। प्रयागराज के गुलाम हैदर इमामबाड़े की वक्त संपत्ति को माफिया अतीक अहमद ने अवैध तरीके से मुतवल्ली से सांठगांठ करके तोड़वाकर कॉम्प्लेक्स बनवा लिया था।

इसके अलावा लखनऊ में सआदतगंज स्थित वक्फ दरोगा मीर अली की संपत्ति पर माफिया मुख्तार अंसारी ने कब्जा कर अपनी पत्नी अफशां अंसारी के नाम से ‘प्लॉटिंग’ शुरू कर दी। इन दोनों मामलों की शिकायत मिलने पर अवैध निर्माण को तोड़वाकर सीबीआई जांच कराई गई है।

बोर्ड अध्यक्ष ने दावा किया कि अपने पिछले एक साल के कार्यकाल में उन्होंने शिया वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे खत्म कराए हैं और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की सालाना आमदनी को 37 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ 47 लाख रुपये किया गया है और बोर्ड के कर्मचारियों को अब प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है।

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