अयोध्या: हार की मार-कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर ठीकरा फोड़ते हुए लगी इस्तीफों की झड़ी

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या/अमृत विचार। पार्टी की युवा चेहरा प्रियंका गांधी ओर से प्रदेश की कमान संभालने के बाद जिले में युवा कैडर खड़ा हुआ, लेकिन दशकों से गुटबाजी और वर्चस्व में उलझी कांग्रेस अपनी पुरानी बीमारी से उबर नहीं पाई है। हाल यह रहा कि जिले की राजनीति हासिये पर रहने वाले दलों राष्ट्रीय लोकदल, आम आदमी पार्टी और पीस पार्टी ने भी खाता खोल लिया लेकिन कांग्रेस नगर निगम में उपस्थिति जताने में असमर्थ रही। 

केवल कुमारगंज नगर पंचायत में ही पार्टी के तीन सभासद विजयी रहे और वह भी अपनी लोकप्रियता के बदौलत। करारी हार के बाद पार्टी में परदे के पीछे चल रही गुटबाजी और असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। करारी हार का ठीकरा पार्टी जिलाध्यक्ष पर फोड़ते हुए इस्तीफों की झड़ी शुरू हो गई है।

वरिष्ठ कांग्रेसी पूर्व पीसीसी सदस्य व जिला प्रवक्ता तथा जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद शरीफ, जिला सचिव मोहम्मद अहमद टीटू, अनुसूचित जाति विभाग के जिला उपाध्यक्ष नंद कुमार, अल्पसंख्यक विभाग के जिला सचिव जफर हसन बब्लू, महानगर कांग्रेस कमेटी के महात्मा गांधी वार्ड अध्यक्ष मोहम्मद नौशाद, अग्रसेन वार्ड अध्यक्ष मुन्ने बाबू खान और अग्रसेन वार्ड से पार्षद पद की अधिकृत पार्टी प्रत्याशी रहीं श्रीमती शबीना बानों व इमरान अहमद ने पार्टी के पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 

मो. शरीफ शहर युवा कांग्रेस वार्ड अध्यक्ष, शहर युवक मीडिया प्रभारी, शहर कमेटी महासचिव,शहर प्रवक्ता, महानगर प्रवक्ता, जिला प्रवक्ता समेत अन्य पदों पर दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं। इस्तीफा देने वालों का कहना है कि पार्टी और इसका नेत्तृव सर्वधर्म समभाव, एकता, प्यार का पोषक और देश को समृद्धि की ओर ले जाने के लिए कटिबद्ध है।

पार्टी नेत्तृव व वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की मेहनत को सराहते हुए जिला नेतृत्व को निशाने पर लिया है। आरोप लगाया है कि पार्टी पदाधिकारी मनमानी पर उतारू हैं और कर्मठ, ईमानदार, संघर्ष करने वाले नेताओं को पद एवं सम्मान देने के बजाय पार्टी विरोधी कृत्य में शामिल भीतरघातियों एवं चाटुकारिता करने वालों को सम्मान एवं पद दिया जा रहा है।

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