उत्पीड़न मामलाः युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण

उत्पीड़न मामलाः युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज उत्पीड़न के एक मामले में बुधवार को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। असम में पार्टी की एक नेता ने श्रीनिवास पर मानसिक यातना देने का आरोप लगाया था जिसे अब कांग्रेस से निष्कासित किया जा चुका है।

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असम युवा कांग्रेस की निष्कासित अध्यक्ष अंकिता दत्ता द्वारा दर्ज कराए गए इस मामले में श्रीनिवास ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने गत पांच मई को श्रीनिवास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने असम सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर 10 जुलाई तक मामले में उनसे जवाब दाखिल करने को कहा। पीठ ने कहा, ‘‘हमने (सीआरपीसी की धारा) 164 के तहत दिया गया बयान पढ़ा है जिसे अभियोजन पक्ष ने बड़ी शालीनता से हमारे समक्ष रखा है।

हम इस स्तर पर राज्य के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते।’’ उसने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने में एक महीने की देरी पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता को अंतरिम संरक्षण का अधिकार है। हम निर्देश देते हैं कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये का मुचलका जमा करने पर अग्रिम जमानत पर छोड़ा जाएगा।’’

शीर्ष अदालत ने श्रीनिवास को जांच में सहयोग करने और 22 मई को पुलिस के समक्ष उपस्थित होने का भी निर्देश दिया। न्यायालय ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा की जा रही जांच में भी सहयोग करने का निर्देश दिया। श्रीनिवास के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने शुरू में कहा कि फरियादी महिला ने शिकायत दर्ज करने से पहले ट्वीट करके पार्टी में भेदभाव की बात कही थी।

सिंघवी ने कहा कि उसने शिकायत दर्ज कराने से पहले मीडिया को भी छह इंटरव्यू दिये थे और उनके बयानों में यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं था। जब अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने दलील देना शुरू किया, तो पीठ ने उनसे पूछा कि क्या वह सीबीआई या ईडी की ओर से पैरवी कर रहे हैं। एएसजी ने जवाब दिया कि वह असम सरकार की ओर से पक्ष रख रहे हैं।

तब पीठ ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘मतलब सीबीआई और ईडी अभी तक नहीं आये हैं।’’ एएसजी ने कहा कि मामले को राजनीति से प्रेरित नहीं कहा जा सकता क्योंकि शिकायती महिला उसी पार्टी की सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनिवास पहले दिये गये नोटिसों पर पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे और उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग के नोटिस का भी जवाब नहीं दिया।

राजू ने कहा, ‘‘हमने उन्हें दूसरा नोटिस भेजा। उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थ हैं। वह लगातार नोटिस की अवमानना कर रहे हैं।’’ तब पीठ ने कहा, ‘‘यह आपके बारे में बनी हुई धारणा के कारण हो सकता है। आपने किसी को हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया था।’’ यह टिप्पणी असम पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किये जाने के संदर्भ में मानी जा रही है जब वह रायपुर के लिए एक विमान में सवार हुए थे।

खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अंकिता दत्ता ने 18 अप्रैल को सिलसिलेवार ट्वीट करके श्रीनिवास के खिलाफ आरोप लगाये थे। गुवाहाटी पुलिस का पांच सदस्यीय दल 23 अप्रैल को बेंगलुरु गया था और उसने श्रीनिवास के आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें दो मई को दिसपुर थाने में पेश होने को कहा।

कांग्रेस ने इस मामले में अंकिता को नोटिस जारी किया और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। श्रीनिवास ने भी अंकिता दत्ता को कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा और ऐसा नहीं होने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी।

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