अयोध्या : 47 करोड़ की लागत से बनेगा बी ग्रेड फोरेंसिक लैब

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । मंडल मुख्यालय पर रामनगरी में फोरेंसिक साइंस लैब निर्माण के आसार बढ़ गए हैं। शासन से परियोजना की स्वीकृति के बाद 47 करोड़ की लागत से आकार लेने वाले इस बी ग्रेड फोरेंसिक साइंस लैब के निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। विभाग की ओर से टेंडर आमंत्रित किया गया है, जो 24 मई को खोला जाएगा। लैब का निर्माण टेढ़ी बाजार क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के निकट होना है।

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गौरतलब है कि वर्तमान में जिले में केवल जिला स्तरीय क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र की फील्ड यूनिट का कार्यालय है और एक विशेषज्ञ समेत अन्य की तैनाती है, लेकिन इनके पास विधिक रूप से जिम्मा केवल सैंपल एकत्रीकरण कर संबंधित लैब को जाँच के लिए भिजवाने का ही है। अपराध अन्वेषण में यह लोग पुलिस की व्यवहारिक मदद तो कर सकते हैं लेकिन विधिक रिपोर्ट केवल लैब की ही मान्य है। बी ग्रेड फोरेंसिक साइंस लैब के निर्माण से केवल कुछ अति आधुनिक जांचों को छोड़कर ज्यादातर जांचे यहीं पर संभव हो जाएंगीं, जिससे समय और धन की बचत तो होगी ही, साथ ही त्वरित रिपोर्ट हासिल हो सकेगी।

11095 वर्ग मीटर में होगा पांच मंजिला भवन

रामनगरी में बी ग्रेड फोरेंसिक साइंस लैब का निर्माण कुल 11095 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में होगा, जबकि विभाग के पास मौजूद कुल जमीन 15220 वर्ग मी. में बाकी खुला स्पेस होगा। गृह विभाग के टेक्निकल सेल ईपीसी मिशन नियोजन विभाग की ओर से यूपीपीडल्यूडी की ओर से तैयार कराये गए डीपीआर के मुताबिक पांच मंजिला लैब बिल्डिंग 10266.40 वर्ग मी, दो मंजिला डारमेट्री एवं गेस्ट हॉउस 395.90 वर्ग मी, गैरेज एन्ड एलायड बिल्डिंग 250.20 वर्ग मी, मैसेंजर व गॉर्ड रूम 89 वर्ग मी, वर्कशाप 42 वर्ग मी, 1000 किलोवाट से ज्यादा क्षमता का विद्युत् व पंप रूम 51.50 वर्ग मीटर में बनेगा। साथ ही 100 किलो लीटर क्षमता की उपरगामी टंकी, सीसी रोड, इंटरलाकिंग, बाउंड्रीवाल आदि का निर्माण होगा।

छह साल पूर्व ली गई थी जमीन

वर्ष 2017 में विभाग की ओर से मंडल मुख्यालय पर आधुनिक संसाधनों से युक्त फोरेंसिक साइंस लैब की स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था और विद्याकुंड से रानोपाली रोड पर रामनगरी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन के पास मन मुनि कुंड के निकट 3.76 एकड़ जमीन ली गई थी। हलांकि लैब की स्थापना की कवायद सरकारी फाइलों में घूमती रही और मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री व सेवन को रोकने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फ़ोर्स के गठन के बाद संचालित लैब का बोझ काम करने के लिए फोरेंसिक साइंस लैब की तादात का दायरा बढ़ाने पर विचार शुरू हुआ और अयोध्या समेत छह मंडल मुख्यालयों पर बी ग्रेड लैब संचालन को हरी झंडी मिली। प्रदेश में लखनऊ और आगरा के साथ 12 फोरेंसिक लैब पहले से क्रियाशील हैं।

परिक्षेत्र के आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि बी ग्रेड फोरेंसिक साइंस लैब की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। कार्यदायी एजेंसी की ओर से टेंडर आमंत्रित किया गया है। लैब की स्थापना से अपराध अनुसंधान और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान में त्वरित प्रभावी मदद हासिल हो सकेगी। स्थापना के बाद सैंपल को बाहर नहीं भेजना पड़ेगा, जिससे समय और धन की भी बचत होगी।

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