बरेली: सियासत की शिकार हुई विवाहिता, चेयरमैन पद OBC होने पर पिछड़ी जाति की युवती से की शादी, हारने पर ससुराल वाले बने दुश्मन

बरेली: सियासत की शिकार हुई विवाहिता, चेयरमैन पद OBC होने पर पिछड़ी जाति की युवती से की शादी, हारने पर ससुराल वाले बने दुश्मन

बरेली, अमृत विचार। नगर पंचायत शेरगढ़ का अध्यक्ष (चेयरमैन) पद की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित होने पर एक सामान्य जाति के परिवार ने अपने पुत्र की शादी पिछड़ी जाति की युवती से शादी कराई थी। लेकिन, चुनाव हारने के बाद विवाहिता के साथ मारपीट शुरू कर दी। वहीं दो चुनाव हारने पर ससुराल वाले खफा हो गए और नाराजगी जताई। नवविवाहिता ने ससुराल वालों पर जान से मारने की कोशिश और जाति सूचक गालियां देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर ससुर, सास समेत 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

चेयरमैन का पद पाने के लिए पिछड़ी जाति की युवती से की शादी
बताया जाता है कि नगर पंचायत शेरगढ़ का चेयरमैन बनने के लिए शकील खां काफी समय से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। मगर, इस सीट का आरक्षण निकाय चुनाव 2017 में अचानक बदल गया। जिसके चलते सामान्य जाति के शकील खां के परिवार को बड़ा झटका लगा। उन्होंने अपने पुत्र नवाब हसन खां की शादी नगर पंचायत शेरगढ़ के वार्ड 5 निवासी पिछड़ी जाति की हिना फरीदी से 2017 नगर निकाय चुनाव से 15 दिन पहले कर दी। मगर, वह चुनाव हार गई।  इसके बाद रिश्तों में कड़वाहट आ गई। उसके पति की 3 वर्ष पूर्व हत्या हो गई जिसके बाद ससुराल वालों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। जिसके चलते वह 4 वर्षीय पुत्री के साथ मायके आकर रहने लगी। 

मगर, इस बार फिर निकाय चुनाव में नगर पंचायत शेरगढ़ का अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए रिजर्व हो गया। इस पर ससुराल वालों ने हिना फरीदी से बातचीत की। उन्होंने चेयरमैन का चुनाव लड़ाने का ऑफर किया और गिले शिकवे दूर कर सम्मान के साथ बहू को ससुराल ले आए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ाया। चुनाव में इस बार हिना को 1105 वोट मिले, लेकिन वह चुनाव फिर हार गई। जीत हासिल न होने से खफा ससुराल वालों ने चुनाव के 10 दिन बाद ही बहू पर जुल्म सितम शुरू कर दिए। पिछड़ी जाति की पूर्व महिला प्रत्याशी हीना फरीदी ने मारपीट, जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 

पुलिस को पूर्व महिला प्रत्याशी ने बताया कि वह पिछड़ी जाति से आती है इसलिए सीट पिछड़ी जाति की होने के कारण चुनाव लड़ाने के उद्देश्य शादी से की थी। मगर, लगातार दो चुनाव हार गई इससे खफा ससुराल वालों ने गले में रस्सी का फंदा डालकर मारने की कोशिश की। वह कमरे से भागी तो, ससुराल वालों ने चाकू और लात घूसों से हमला कर गला दबाकर जान लेने की कोशिश की। गनीमत ये रही कि पड़ोसियों के आने पर उसकी जान बच सकी। पुलिस ने पीड़ित महिला की शिकायत पर ससुर शकील खां, सास मुन्नी बेगम, देवर सरताज वहीं मलका, अनमता, नगमा और अर्शी के खिलाफ शेरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

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