हल्द्वानी: कहीं और बना दी विधायक निधि की सड़क, प्राधिकरण ने तोड़ा तो जनता ने घेरा
नजाकत हुसैन के बगीचे में बनाई गई सड़क, सड़क के साथ प्राधिकरण ने ध्वस्त किए सड़क पर बने सीवरेज टैंक
सड़क से ज्यादा जनता ने किया सीवरेज टैंक तोड़ने का विरोध तोड़ने से पहले सीवर लाइन डालने की मांग, प्रशासन ने नहीं सुना
हल्द्वानी, अमृत विचार। नजाकत हुसैन के बगीचे में अवैध सड़क और सड़क के नीचे बने सीवरेज टैंक को ध्वस्त करने पहुंची जिला विकास प्राधिकरण और नगर निगम की टीम को जनता का भारी विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने कार्रवाई रोक कर अधिकारियों को घेर लिया, लेकिन लोगों के विरोध का अधिकारियों पर असर नहीं पड़ा। टीम ने सड़क के साथ लोगों द्वारा सड़क के नीचे बनाए गए सीवरेज टैंक को भी ध्वस्त कर दिया। जनता सीवरेज टैंक को ध्वस्त करने से पहले सीवर लाइन डालने की मांग कर रही थी।
नजाकत हुसैन के बगीचे में पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने एक सड़क का निर्माण किया। बाद में पता लगा कि विधायक निधि से बनी सड़क तो कहीं और के लिए पास थी। अधिकारियों के कानों तक यह खबर पहुंची तो ठेकेदार ने रविवार को बनाई गई आधी सड़क तो तोड़ दी, लेकिन पूरी नहीं तोड़ पाया। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह और सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट नजाकत हुसैन के बगीचे में पहुंचे तो सड़क पर काम चलता पाया।
नगर निगम ने सड़क को बिना इजाजत और नजूल की भूमि में बताते हुए तोड़ना शुरू कर दिया। इस सड़क के नीचे स्थानीय लोगों ने अवैध तरीके से अपने सीवरेज टैंक बनाए हुए थे। प्राधिकरण के बुलडोजर ने जब इसे भी तोड़ना शुरू किया तो लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और अधिकारियों को घेर लिया।
लोगों का कहना था कि उनके सीवरेज टैंक तोड़ने से पहले सीवर लाइन बिछाई जाए। हालांकि अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया और विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी रखी। सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने बताया कि ठेकेदार दूसरी जगह स्वीकृत सड़क को यहां बना रहा था। उसे सड़क तोड़ने को पहले ही कह दिया गया था, लेकिन उसने आधी सड़क ही तोड़ी और अब बाकी बची सड़क को तोड़ा गया है।
लोग बोले, तोड़ने से पहले निगम ने नहीं दिया नोटिस
सीवरेज टैंक तोड़ने से गुस्साए लोगों ने निगम के अधिकारियों का घेराव किया। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई। लोगों का कहना था कि निगम ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया। कहा कि वह शौंच के लिए कहा जाएंगे। निगम को सीवरेज टैंकों को तोड़ने से पहले यहां सीवर लाइन डालनी चाहिए थी। निगम के अधिकारियों ने लोगों की एक नहीं सुनी और टैंकों को तोड़ दिया।
