अयोध्या : अबकी बारिश लेगी अयोध्या के विकास का इम्तिहान, खोदाई के चलते जगह-जगह पटे पड़े हैं नाले और नालियां

अयोध्या : अबकी बारिश लेगी अयोध्या के विकास का इम्तिहान, खोदाई के चलते जगह-जगह पटे पड़े हैं नाले और नालियां

अमृत विचार, अयोध्या । अब बस बीस दिन और ठहर जाइये फिर अयोध्या-फैजाबाद दोनों जुड़वा शहरों में विकास की असली गंगा आपको दिखाई देने लगेगी। अभी तो धूल-गुबार और जलापूर्ति व बिजली की ही किल्लत सामने है अबकी बारिश में होने वाले जलभराव के अभूतपूर्व संकट के लिए तैयार रहिए। क्योंकि इस बार होने वाली बारिश आपसे ज्यादा अयोध्या के विकास का इम्तिहान लेने जा रही है। खास बात यह है कि इस परीक्षा के लिए जिम्मेदारों ने अभी तक कोई तैयारी ही नहीं की है। मूंदहुं आंख कतहुं कछु नाहीं.. के तर्ज पर जिला प्रशासन गुप्तारघाट पर क्रूज चलाने की तैयारी तो रामपथ के चौड़ीकरण से ही मुदित और आनंदित है।

इस बार मानसून 20 जून तक संभावित है। मई के सात दिन छोड़ दिए जाए तो मात्र बीस दिन ही सीधे-सीधे बचते हैं। पिछली बार ही जलभराव के कारण नगर के कई क्षेत्र तैरने लगे थे। इस बार तो जगह-जगह खोदाई होने और नाले व नाली के बंद होने के कारण जलभराव की समस्या और विकराल हो सकती है। सबसे अधिक परेशानी निगम क्षेत्र के जनौरा, जलवानपुरा, कंधारी बाजार, अयोध्या रेलवे स्टेशन का सर्कुलेटिंग एरिया, कसाबबाड़ा रोड, पुष्पराज चौराहा व वजीरगंज जब्ती के कई मोहल्लों में होती है। हालांकि निगम प्रशासन का मानना है कि हमारा सर्वे चल रहा है और टीम रैपिड एक्शन की तरह काम करेगी। नगर निगम जिन नालों की सफाई करा चुका था अब वह फिर से सफाई मांग रहे हैं। सीवर लाइन खोदाई के चलते शहर के अधिकांश मोहल्लों से नालियां पहले ही अपना वजूद खो चुकी हैं।

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सहादतगंज से अयोध्या नयाघाट तक खोदाई ही खोदाई है ऐसे में बारिश का पानी कहां जायेगा कोई इंतजाम नहीं है। ताल ठोंक कर जिम्मेदार जिस चौक और बजाजा क्षेत्र में जलभराव न होने का दावा करते हैं वहां इस बार सड़क पर ही तालाब सरीखा दिखाई देने वाला है। वजह केवल इतनी है की जिन नालों से यहां की जलनिकासी होती थी वह चौड़ीकरण की चपेट में आकर मिट्टी से लबालब भरे पड़े हैं। रिकाबगंज क्षेत्र में तीन नाले जलनिकासी के लिए हैं तीनों खोदाई के चलते चोक हैं। इन्हीं नालों की नगर निगम के तत्कालीन महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने पिछले मानसूनी सत्र से पहले सफाई कराई थी। अब नगर निगम लाचार है सफाई कराए तो कैसे कराए।

महिला अस्पताल से जीआईसी की तरफ जाने वाला बड़ा नाला भी सीवर लाइन खोदाई के चलते आगे जाकर पैराडाइज टाकीज के पीछे भरा हुआ है। सुभाष नगर, हैदरगंज, फतेहगंज से लेकर नाका तक जाने वाले चार बड़े नालों की भी जलनिकासी व्यवस्था बाधित है। ऐसे में इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह का हाल रीडगंज से लेकर साकेत प्रिटिंग प्रेस और साहबगंज क्षेत्र का है यहां भी आगे खोदाई के कारण जलनिकासी का सारा तामझाम चोक पड़ा हुआ है। गंभीर बात तो यह है कि नगरीय क्षेत्र का कोई मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां सीवर लाइन के निर्माण के लिए खोदाई न की गई हो। खोदाई के बाद जैसे तैसे मिट्टी डाल कर पाट दिया गया लेकिन नालियों की ऐसी तैसी हो गई।

जेसीबी और ड्रिल मशीन की हुंकार से सभी जगह गलियों में नालियां ध्वस्त हो चुकीं हैं। तय है कि बारिश में इन मोहल्लों में टापू सरीखा नजारा देखने को मिलेगा। सर्वाधिक प्रभावित होने वाला क्षेत्र रिकाबगंज से नियावां और नियामक से साकेत महाविद्यालय तक होना तय है। अभी यहां खोदाई का कार्य चल ही रहा है और मानसून आने तक पटाई संभव नहीं है। चौतरफा खोदाई से पहले ही राह दुश्वार है और बारिश में तो यहां भयावह स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के हुए अनियोजित विकास को बढ़ावा देना इस बार भी जलभराव में कोढ़ में खाज साबित होगा। गत वर्ष नगर क्षेत्र में जलभराव प्राधिकरण की ही लापरवाही का नतीजा था। बीते पांच वर्षों के दौरान प्राधिकरण के काकस ने भू-माफियाओं के साथ गठजोड़ का ऐसा खेल खेला कि नगर नियोजन की धज्जियां उड़ गईं। भू-माफिया जहां के तहां प्लाटिंग करते रहे और प्राधिकरण के जिम्मेदार आंख बंद किए बैठे रहे। पिछले साल दिखावे के तौर पर तीन स्थानों पर प्राधिकरण का बुल्डोजर गया, लेकिन फिर सब यथावत हो गया। इस बार तो अब तक प्राधिकरण ने अवैध प्लाटिंग पर एक कार्रवाई तक नहीं की है, जबकि अवैध प्लाटिंग अब डूब क्षेत्र और सहादतगंज बाईपास से निकल कर रायबरेली रोड, अम्बेडकरनगर नगर रोड तक जा पहुंची है। शहर के भीतरी इलाके में तो पहले से चली आ रही है।

जलभराव वाले क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं, ऐसे क्षेत्रों में पंपिंग सेट इत्यादि लगाए जाएंगे। इस बार लोगों को जलभराव से राहत मिलेगी। रैपिड एक्शन टीम हर समय तैनात रहेगी, रही बात नालों की तो विभागीय नाले साफ कराए जा रहे हैं। बड़े नालों को टेंडर निकाल 15 जून तक हर हाल में साफ करा लिया जाएगा।

- अरुण कुमार गुप्ता, अपर नगर आयुक्त

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