लखनऊ: बर्तन साझा करते हैं तो हो जायें सावधान, चूमना भी है खतरनाक, मुंह के जरिये फैलती है कई गंभीर बीमारियां
लखनऊ, अमृत विचार। कोरोना वायरस ने सिर्फ बीमारी ही नहीं बढ़ाई बल्कि लाकडाउन और सोशल डिसटेंसिंग जैसे शब्दों को भी आम लोगों के जहन में हमेशा के लिए स्थापित कर दिया, लेकिन सिर्फ कोरोना वायरस ही एक वायरस भारत जैसे देश में नहीं है,जो लोगों को बीमार कर रहे हैं और गंभीर बीमार करने का कारण बन रहे हैं। इसके अलावा अन्य वायरस, फंगस और बैक्टीरिया भी हैं जो अन्य बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
आज उन्हीं वायरस,फंगस और बैक्टीरिया की बात, जो लोगों की जिंदगी के लिए घातक बने हुये हैं। इसमें से बहुत से वायरस, फंगस और बैक्टीरिया सांस और मुंह के रास्ते शरीर के अंदर प्रवेश कर व्यक्ति को बीमार कर सकते हैं। ऐसे में आज भी कई बीमारियों से बचने के लिए समाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन कारगर साबित हो सकता है। इसके बारे में जानकारी दे रही हैं केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रो. शीतल वर्मा।
सामान्य सर्दी
प्रो. शीतल वर्मा की माने तो सामान्य सर्दी एक वायरल संक्रमण है,जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर सांस की बूंदों से फैलता है। ये बूंदें मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकती हैं, जो संक्रमण कारण बनती हैं। इसके अलावा सामान्य सर्दी की तरह इन्फ्लूएंजा भी एक वायरल संक्रमण है जो सांस की बूंदों से फैलता है। यह मुंह के जरिये फैल सकता है जब कोई व्यक्ति बूंदों को अंदर लेता है या वायरस से दूषित सतहों को छू लेता है और फिर उसी हाथ से अपने मुंह को छूता है।
हरपीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी)
उन्होंने बताया कि एचएसवी टाइप एक आम वायरल संक्रमण है जो मुंह के छालों का कारण बनता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के लार या घावों के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है। यह चूमने और बर्तन साझा करने से भी हो सकता है।
स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण
प्रो. शीतल वर्मा ने बताया कि स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया स्ट्रेप गले और टॉन्सिलिटिस समेत कई तरह के संक्रमणों का कारण बन सकता है। ये जीवाणु संक्रमण श्वसन बूंदों के माध्यम से फैल सकता है। इसके अलावा बैक्टीरिया से दूषित सतहों या वस्तुओं को छूने और फिर मुंह को छूने से फैल सकता है।
कैंडिडिआसिस (ओरल थ्रश)
उन्होंने बताया कि ओरल थ्रश कैंडिडा यीस्ट के कारण होने वाला एक फंगल संक्रमण है। इसके होने का कारण मुंह में सूक्ष्मजीवों का संतुलन बाधित होना होता है, जिससे कैंडिडा तेजी से फैलता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के लार के साथ सीधे संपर्क के में आने से फैल सकता है, ऐसे में बर्तन साझा करने या फिर अन्जान व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए। यदि बीमार के बारे में जानकारी हो तो उससे उचित दूरी बना कर रखनी चाहिए।
हेपेटाइटिस ए
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से लिवर को संक्रमित करता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद होता है और दूषित भोजन, पानी के जरिये दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है।
क्षय रोग (टीबी)
उन्होंने बताया कि टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों को संक्रमित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। दुर्लभ मामलों में, टीबी जीवाणु युक्त श्वसन बूंदों के जरिये फैलता है। जो मुंह के जरिये शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बीमारियों से बचने के लिए मुंह को स्वच्छ रखना जरूरी है। इसके अलावा खांसते,छींकते समय मुंह और नाक का ढकना जरूरी है। जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
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