सेंगोल को संसद में स्‍थाप‍ित करना भारतीय संस्कृति के लिए गौरव है : बलबीर गिरी

सेंगोल को संसद में स्‍थाप‍ित करना भारतीय संस्कृति के लिए गौरव है : बलबीर गिरी

प्रयागराज, अमृत विचार। आज भारत के इतिहास में विश्‍व में सनातन संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नई संसद भवन का निर्माण हमारे लिए गौरवमयी है। नई संसद भवन से जिस तरह से सर्व धर्म की तरफ से प्रार्थना की गई, ये सकारात्‍मक ऊर्जा भारत को एक नई दिशा देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श से युवा पीढ़ी को सीखने की जरूरत है। ये कहना है बाघंबरी मठ और बड़े हनुमान मंदिर के महंत बलबीर गिरी जी महाराज का। बड़े हनुमान मंदिर में पूजन के बाद पत्रकारों से बातचीत में महंत बलबीर गिरी महाराज ने कहा, आज देशवासियों के लिए गौरव का दिन है। 

उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद करता हूं, उनके निर्देशन में देश की नई संसद का निर्माण हो गया, यह उनके नेतृत्व की गंभीरता को दर्शाता है। सेंगोल को सभापति की चेयर के पास स्थापित कर न सिर्फ देश की सांस्कृतिक परंपरा को निभाया, बल्‍क‍ि उसको एक नया आयाम दिया है। कहा, नए संसद भवन का उद्घाटन जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ। जो अपने आप में शुभ है। सेंगोल स्‍थापित को लेकर उन्‍होंने कहा, महाभारत के शांत‍ि पर्व में युधिष्‍ठर भीष्‍म पितामह से राजदंड की उत्पत्‍त‍ि के बारे में पूछा तो भीष्‍म ने बताया था क‍ि कैसे ब्रह्मा देव के अनुरोध पर महादेव स्‍वयं राजदंड के रूप में प्रकट हुए थे। इस तरह से सेंगोल या राजदंड़-धर्मदंड़ स्‍वयं भगवान शिव का प्रतिनिधित्‍व करता है और हमेशा राजाओं को याद दिलाते रहते हैं क‍ि महादेव की ओर से धर्म के धारक हैं। इस सेंगोल को संसद में स्‍थाप‍ित करना भारतीय संस्कृति के लिए गौरव है। कहा, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश को जनता को बधाई।

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