रामपुर: पद्म श्री आमिर रजा हुसैन के निधन से नूरमहल में शोक शोक

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

रामपुर, अमृत विचार।  पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने मशहूर एक्टर-डायरेक्टर और आर्टिस्ट आमिर रजा हुसैन के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि पद्म श्री से सम्मानित आमिर रज़ा हुसैन उनके पारिवारिक मित्र थे। वो अपनी पत्नी विराट तलवार के साथ नवाबजादा अली मोहम्मद खां उर्फ कैहवान मियां की शादी में भी आए थे।

उनके निधन से नूर महल में गम का माहौल है। नवेद मियां ने उनके परिजनों से बात कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। पूर्व मंत्री नवेद मियां ने बताया कि  कारगिल  और  लीजेंड्स ऑफ राम जैसे मेगा शो के लिए मशहूर थियेटर डायरेक्टर आमिर रज़ा हुसैन का जन्म 6 जनवरी, 1957 को  अवधी परिवार में हुआ था।

उनके पिता इंजीनियर थे और उन्होंने मक्का-मदीना के जल कार्यों को स्थापित किया था। उनकी मां और उनका परिवार ब्रिटिश राज में पीरपुर रियासत संभालते थे। 1974 के बाद से वो शानदार थियेटर आर्टिस्ट बन गए थे। उन्होंने दो फिल्मों रुडयार्ड किपलिंग के उपन्यास पर आधारित  किम  (1984), जिसमें पीटर ओ टोल ने मुख्य भूमिका निभाई थी और शशांक घोष की रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा खुबसूरत (2014) में अभिनय भी किया।

उन्होंने नाटकों का मंचन किया। इनमें सारे जहां से अच्छा 1947 लाइव और सत्यमेव जयते जिसका मंचन 1999 में दिल्ली में 14 वीं शताब्दी के हौज खास स्मारक की पृष्ठभूमि में किया गया था। इससे पहले 1998 में हुसैन और उनकी मंडली ने दिल्ली पर्यटन के सहयोग से पड़ोस में चांदनी चौक में लालकिले और फतेहपुरी मस्जिद के बीच दो किलोमीटर की दूरी पर चौहदवीं का चांद उत्सव का आयोजन किया था, जिसे अब दिल्ली-6 के रूप में जाना जाता है।

91 प्रस्तुतियों और 1100 से अधिक प्रदर्शनों के आधार कर 2001 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वह अपने तेजतर्रार, स्पष्टवादी और महत्वाकांक्षी स्वाभाव के लिए जाने जाते थे। आमिर रजा हुसैन एक शानदार थिएटर आर्टिस्ट थे।

ये भी पढ़ें : शादी से छह दिन पहले युवती जेवर लेकर फरार, मुकदमा दर्ज

संबंधित समाचार