संतकबीरनगर: सांसद-विधायक और सीएमएस भिड़े
दुर्घटना में घायल युवक को सड़क पर फेंक कर चला गया था सरकारी एम्बूलेंस चालक
अमृत विचार, संतकबीरनगर। जिले के दुधारा थानाक्षेत्र में दुर्घटना में घायल एक युवक को एंबुलेंस चालक के सड़क पर छोड़कर भाग जाने के मामले को लेकर बुधवार को जिला अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस घटना को लेकर सांसद और दो विधायकों ने डीएम को पत्र लिखकर सीएमएस और सीएमओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर भ्रष्टाचार की जांच कराने को कहा। सांसद और विधायकों के कड़े तेवर देख सीएमएस ने सांसद को लिखकर दे दिया कि वह काम नहीं कर पाएंगे। सीएमएस के समर्थन में जिला अस्पताल के कुछ चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफे का निर्णय लिया है। डीएम ने मामले में जांच टीम गठित कर दी है।
बताते चलें कि दुधारा थाना क्षेत्र के कविता गांव के पास बाइक पर जा रहे लेड़ुवा गांव के रहने वाले तीन युवकों को मंगलवार रात अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। इसमें विजय कुमार व विक्रम की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि अर्जुन गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस ने एंबुलेंस से घायल व मृतकों को जिला अस्पताल भेज दिया। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने घायल अर्जुन को नेदुला बाईपास पर उतार दिया और मृतकों को लेकर पोस्टमार्टम हाउस चला गया। घायल युवक पूरी रात सड़क पर पड़ा तड़पता रहा। सुबह स्थानीय लोगों ने देखा तो उसे निजी साधन से जिला अस्पताल पहुंचाया था। घायल युवक के परिजन उसे पोस्टमार्टम हाउस से लेकर विभिन्न अस्पतालों में तलासते रहे।
इस खबर पर बुधवार को सांसद प्रवीण कुमार निषाद, मेंहदावल विधायक अनिल कुमार त्रिपाठी व खलीलाबाद सदर के विधायक अंकुर तिवारी जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायल को रास्ते में उतारने पर सीएमएस डॉ. महेश प्रसाद से पूछताछ की। सीएमएस ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। यह बात सुनते ही सांसद और दोनों विधायक भड़क गए। गहमा-गहमी के बीच सीएमएस ने सांसद से कहा कि वह इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने सांसद को लिखकर दे दिया कि काम नहीं कर पाएंगे।
इस पर सांसद प्रवीण निषाद ने डीएम को पत्र लिखा कि सीएमओ और सीएमएस स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ हैं। दोनों अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के साथ ही इनके भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए। दोनों विधायकों ने भी उस पर हस्ताक्षर किए। विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि सुधार नहीं हुआ तो यह बात शासन तक पहुंचाई जाएगी। बताते चलें कि सीएमएस डॉ महेश प्रसाद काफी मनबढ़ किस्म के माने जाते हैं। चर्चा है कि सिद्धार्थनगर जिले में तैनाती के दौरान उनकी वहां के एक प्रभावशाली विधायक के साथ तगड़ी नोंक-झोंक हुई थी। विधायक की शिकायत पर ही उनका सिद्धार्थनगर जिले से संतकबीरनगर जिले में तबादला हुआ था। अब देखना यह है कि सांसद प्रवीण निषाद और दोनों विधायकों की शिकायत पर प्रशासन सीएमएस डॉ महेश प्रसाद के खिलाफ क्या ऐक्शन लेता है।
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