रायबरेली : लखनऊ कोर्ट की घटना के बाद दीवानी में सख्ती, बिना तलाशी के नहीं घुस सके अधिवक्ता
अमृत विचार, रायबरेली । लखनऊ के गैंगेस्टर कोर्ट परिसर में कुख्यात माफिया संजीव जीवा की हत्या से सबक लेते हुए रायबरेली में कचेहरी के बाहर दिन भर सघन जांच की जाती रही है। वादी प्रतिवादियों के अलावा यहां अधिवक्ताओं को भी बिना सघन जांच के भीतर नहीं जाने दिया गया।
पुलिस की इस कार्रवाई का अधिवक्ताओं ने भी स्वागत किया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि लखनऊ में संजीव जीवा के हत्यारे अधिवक्ताओं के भेष में आये थे। इसलिए प्रदेश भर में वकीलों की सघन जांच ज़रूरी है। ज्ञात हो कि मुजफ्फरनगर का कुख्यात अपराधी संजीव जीवा ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या मामले में आरोपी था। इसी हत्याकांड को लेकर लखनऊ के गैंगेस्टर कोर्ट में उसकी पेशी थी।
उसी दौरान वकील के भेष में आये हत्यारों ने उसे गोली मार दी थी। जिससे सबक लेते हुए पुलिस ने दीवानी कचहरी के हर गेट पर तलाशी अभियान चलाया। कचहरी में आने वाले वादकारी, गवाह और अधिवक्ताओं की मुख्य गेट समेत सभी गेटों पर सघन तलाशी ली गई है। तलाशी के उपरांत ही उन्हें कचहरी परिसर में प्रवेश दिया गया है। जिसके कारण कचहरी के गेट पर लंबी-लंबी लाइनें लगी रही। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि कचहरी परिसर पहले से ही काफी कड़ी है। इसकी सुरक्षा को लेकर फिर से कड़े निर्देश दिए गए हैं।
एसपी ने परखी न्यायालय की सुरक्षा
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी द्वारा न्यायालय सुरक्षा में लगे पुलिस बल के साथ न्यायालय परिसर की प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान न्यायालय के तीनों प्रवेश द्वार पर ड्यूटी में लगे पुलिस बल को प्रापर चेकिंग, फ्रिश्किंग, सर्चिंग हेतु ब्रीफ किया गया। प्रवेश द्वार पर लगे एक्सरे बैगेज मशीन के द्वारा परिसर के अन्दर आने वाले सभी परिवादियों, अधिवक्ताओं के बैग को चेक करने के उपरान्त ही अन्दर जाने देने का निर्देश दिया गया।
एसपी ने जनपद न्यायाधीश से वार्ता की और यह सुनिश्चित कराया कि अधिवक्ताओं के परिचय पत्र और उनके सीओपी चेक करके ही परिसर मे प्रवेश कराया जाये एवं उनके वाहनों पर एक निश्चित पास लगाकर ही पार्किंग में प्रवेश दिया जाये।
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