Ayodhya Sunbeam School : पीड़ित परिवार से मिले बाल संरक्षण आयोग सदस्य, कही ये बड़ी बात  

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Published By Jagat Mishra
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पुलिस जाँच से परिवार संतुष्ट नहीं, सीएम व सीएस से मिलेंगे, जरूरत पड़ी तो सीबीआई जाँच कराएगा आयोग  

अमृत विचार, अयोध्या। दो दिवसीय जनपद दौरे पर पहुंचे प्रदेश के राज्य बाल संरक्षण आयोग सदस्य श्याम त्रिपाठी ने सनबीम स्कूल कांड के पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सीएचसी-पीएचसी, कारागार और बाल संरक्षण गृह आदि के निरीक्षण के साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। 

आयोग सदस्य श्याम त्रिपाठी ने कहा कि पीड़ित परिवार एसआईटी/पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है और पुलिस की कार्रवाई पर संदेह है, आयोग परिवार को न्याय दिलाने के लिए जांच टीम को तलब कर पूरी जानकारी लेगा और मुख्यमंत्री तथा प्रदेश के मुख्य सचिव से मुलाकात करेगा तथा जरूरत पड़ने पर मामले की सीबीआई जांच कराएगा। 
 
सर्किट हॉउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए आयोग सदस्य श्याम त्रिपाठी ने कहा कि बच्ची के परिवार का कहना है कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ थी, उसे कोई मानसिक अवसाद नहीं था। आखिर वह आत्महत्या क्यों करेगी ? एसआईटी ने आत्महत्या की बात कही है और आरोपी प्रधानाचार्य, गेम टीचर को बरी कर दिया है। परिवार का कहना है कि छात्रा स्कूल जाकर प्रधानाचार्य से मिली थी, लेकिन पांच-छह मिनट का सीसीटीवी फुटेज गायब है। मौके से खून को साफ करवा दिया गया और झूले से गिरने की झूठी सूचना दी गई। 

आयोग सदस्य ने कहा कि बुलाने के बावजूद विवेचक नहीं आये और अभी एफआईआर आदि भी नहीं मिली है। जेल से मिले कागजात के मुताबिक एसआईटी ने बाकी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। जाँच पर परिवार को संदेह है और वह भी संतुष्ट नहीं है। आयोग पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और जांच टीम को लखनऊ आयोग में तलब किया जाएगा। बच्चों के साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए निष्पक्ष व पारदर्शी जाँच के लिए सीएम और सीएस से मिलेंगे। परिवार के संदेश को दूर कराने तथा न्याय दिलाने के लिए मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी।       

इसके पूर्व उन्होंने अपने दौरे में उप स्वास्थ्य केंद्र सचेंडी एवं सीएचसी सोहावल में पीडियाट्रिक बाल विभाग से संबंधित मरीजों का विवरण एवं सुपोषण स्वास्थ्य मेला की जानकारी ली। जिला कारागार में 6 साल तक के बच्चों की व्यवस्था तथा शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा देखी तथा दिशा-निर्देश दिया। राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में रहन-सहन, स्वास्थ्य, भोजन, साफ सफाई आदि का जायजा लिया और 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को उनका विधिक अधिकार दिलाने की बात कही। 

सीडब्लूसी सर्वेश अवस्थी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, डीआईओएस, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी आदि के साथ बैठक कर योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की समीक्षा की।

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