बरेली: इस बार मोटे अनाज की खेती का लक्ष्य निर्धारित, धान का रकबा कम होने का अनुमान

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Published By Om Parkash chaubey
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कृषि अफसरों के मुताबिक जनपद में सांवा, कोदो और बाजरा की लहलहाएगी फसल, शासन ने रागी का करीब 17 क्विंटल बीज भेजा, किसानों को मुफ्त में बांटा जा रहा, कृषि विशेषज्ञ बोले, जुलाई और अगस्त महीने में मोटे अनाज की खेती का समय अच्छा

बरेली,अमृत विचार : मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। निशुल्क बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शासन भी मोटे अनाज को बढ़ावा दे रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने इस बार मोटे अनाज की खेती का भी लक्ष्य रखा है। इससे धान के रकबे में कमी आएगी। हालांकि, इस बार करीब 1.60 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाने का लक्ष्य है।

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जनपद में मोटे अनाज में सांवा, कोदो, बाजरा, ज्वार आदि की खेती की जाएगी। शासन से कृषि विभाग को इसका लक्ष्य निर्धारित करने के साथ मोटे अनाज के लिए किसानों को 17 क्विंटल से अधिक रागी का बीज भेजा गया है, जो किसानों को मुफ्त दिया जा रहा है, जबकि मक्के का बीच 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहा है। अफसरों के अनुसार धान की खेती का रकबा कुछ कम कर मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अभियान चलाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। बीज खरीद के लिए राजकीय गोदाम जा रहे किसान आधार कार्ड, खतौनी और बैंक पास बुक की छाया प्रति जरूर ले जाएं। इससे अनुदान धनराशि उनके खाते में भेजने में आसानी होगी।

स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है मोटा अनाज: कृषि विशेषज्ञ कुलदीप विश्नोई के मुताबिक मोटा अनाज पौष्टिक और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। जुलाई, अगस्त माह में मोटे अनाज की खेती का समय सही रहता है। किसान अब गन्ना, गेहूं और धान के साथ मोटे अनाज की खेती करेंगे। किसानों को बीजों की बुवाई की विधि और बीज उपलब्ध कराया जाएगा। जनपद में बाजरा का 8704 हेक्टेयर, ज्वार का 149, मक्का का 188 हेक्टेयर के अलावा सांवा, कोदो आदि फसल का लक्ष्य दिया गया है।

किसानों को मोटे अनाज की खेती करने और उसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है। मोटे अनाज की खेती के लिए शासन से लक्ष्य मिला है। उसी के अनुसार किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाएगा। रागी के बीज की मिनी किट किसानों को दी जाएंगी।-धीरेंद्र सिहं चौधरी, जिला कृषि अधिकारी

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