प्रयागराज : पूर्व शिक्षा मंत्री के मामले में वांछित गवाह की गवाही दर्ज करने हेतु जिला अदालत को निर्देश

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले को वापस भेजते हुए जिला अदालत को निर्देश दिया है कि वांछित गवाह हवलदार सिंह यादव, जांच अधिकारी को परीक्षण के लिए बुलाया जाए। उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए 2 दिन का समय दिया गया है। यह अभ्यास 30 जून तक पूरा किया जाना है।

न्यायालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में किसी भी समय विस्तार आवेदन या आगे की स्वतंत्रता की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा। अपर शासकीय अधिवक्ता ने यह सुनिश्चित किया कि संबंधित निर्णय सुरक्षित कर लिया गया है, जिसे बाद में जारी किया जाएगा, साथ ही उन्होंने यह आशंका जताई कि मामले में समय विस्तार आगे भी चलता रहेगा, जिससे मामला लंबित रहेगा। उनकी इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने जांच अधिकारी के बयान को दर्ज करने के लिए निश्चित समय-सारणी प्रदान की है।

इसके साथ ही याची को अदालत में आने के बाद स्वयं अपना खर्च वहन करना होगा, जिसकी गणना 15000 रूपए की गई है। याची को उपरोक्त राशि न्यायालय में ही सौंपनी होगी। उक्त कार्यवाही पूरी होने के बाद 4 सप्ताह की अवधि के भीतर निर्णय सुनाया जाएगा। गौरतलब है कि एमपी/एमएलए कोर्ट, प्रयागराज द्वारा 23 मई को पारित आदेश को रद्द करने की मांग लेकर याची ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत संबंधित न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।

याची के खिलाफ मुट्ठीगंज थाना, प्रयागराज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2)और 13 (1)(ई) के तहत 18 जून 2013 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें याची पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था, जिसके सापेक्ष याची कोई भी संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहा। मामले की गहन जांच के बाद उपरोक्त धाराओं के तहत आवेदक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया, जिस पर पहली बार 12 अप्रैल 2016 को न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया।

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