TAVR तकनीक से बीमार दिल का इलाज ज्यादा सुरक्षित : डॉ. विवुद्ध प्रताप सिंह
लखनऊ, अमृत विचार। जिन मरीजों के दिल का वाल्व ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है। साथ ही उन मरीजों को कोई अन्य गंभीर बीमारी है या फिर उम्र ज्यादा है। ऐसे मरीजों के इलाज में ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) तकनीक ज्यादा कारगर है। इस तकनीक से बिना ओपन हार्ट सर्जरी के भी वाल्व बदला जा रहा है। यह जानकारी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवुद्ध प्रताप सिंह ने शनिवार को आईएमए भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
डॉ. विवुद्ध प्रताप सिंह ने टीएवीआर तकनीक की जानकारी देते हुये बताया कि वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए यह तकनीक ओपन हार्ट सर्जरी से ज्यादा बेहतर इसलिए बताई जाती है,चूंकि इस तकनीक से बिना सर्जरी के वाल्व बदल जाता है। ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान मरीज को खतरा अधिक होता है। विशेषकर उन मरीजों को जिनकी उम्र अधिक है या फिर उन्हें किडनी,लिवर या फिर कोई अन्य गंभीर शारीरिक समस्या है।
डॉ. विवुद्ध प्रताप सिंह ने बताया कि मरीज के जांघों के जरिये तार डाल कर वाल्व बदलने की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। उन्होंने बताया कि टीएवीआर तकनीक विदेशों में काफी प्रचलित है, लेकिन उत्तर भारत में अभी इस तकनीक को लेकर जागरुकता की जरूरत है। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक से मरीज के दिल का वाल्व बदलने से पहले यह प्रक्रिया उपयुक्त है या नहीं। इसकी जानकारी के लिए कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियक सर्जन दोनों मिलकर फैसला लेते हैं। उसके बाद मरीज के इलाज की प्रक्रिया पर फैसला होता है।
यह भी पढ़ें : CM योगी ने उद्यमी मित्रों को बांटे नियुक्ति पत्र, बोले - वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में आपका सहयोग जरूरी
