Jagannath Rath Yatra : पूरी धाम में ऐतिहासिक रथयात्रा की तैयारी पूरी, भाई, बहिन के साथ, कल दर्शन देंगे जगन्नाथ
पूरी धाम में ऐतिहासिक रथयात्रा की तैयारी पूरी
पूरी धाम में ऐतिहासिक रथयात्रा की तैयारी पूरी, हैडिंग-भाई, बहिन के साथ, कल दर्शन देंगे जगन्नाथ
प्रमोद महापात्र
पुरी, अमृत विचार। महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा की समस्त तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। महाप्रभु अपने अग्रज बलभद्र और बहिन सुभद्रा संग 20 जून अलग-अलग रथों पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
जगन्नाथ अपने रथ नन्दीघोष पर सवार होंगे तो बलभद्र तालध्वज और सुभद्रा दर्पदलन रथ पर सवार होकर गुंडिचा मन्दिर को प्रस्थान करेंगे।
जगन्नाथ रथ यात्रा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। जगन्नाथ दो शब्दों के मेल से बना है। इसमें जग का अर्थ ब्रह्मांड और नाथ का अर्थ भगवान से है। इन्हें श्रीकृष्ण का ही रूप माना जाता है, जोकि भगवान विष्णु के अवतार हैं।
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स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में भी रथ यात्रा का वर्णन मिलता है। ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में जुलूस के दौरान रथ को खींचने से जाने-अनजाने में किए पाप नष्ट होते हैं। यही नहीं सभी दुख, कष्ट भी दूर होते हैं और सौ यज्ञ कराने जितने पुण्यफल की प्राप्त होते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा निकलने के पीछे कई मान्यताएं हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना गया है। यहां भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ पूरे एक हफ्ते तक ठहरते हैं। यहां उन्हें मौसी से लाड-दुलार मिलता है। कहते हैं कि मौसी के घर भगवान खूब पकवान खाते हैं। दर्शन देते हैं।
