कानपुर : विपक्षी दलों की बैठक में अजय कपूर गुरुवार को पटना पहुंचे, बिहार कांग्रेस कमेटी ने किया जोरदार स्वागत
अमृत विचार, कानपुर । विपक्ष की सूरत-ए-हाल भले ही कमजोर दिखती हो पर गैर भाजपावाद के नाम पर 18 दल पटना में एकजुट होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को रोकने पर मंथन करेंगे। मेजबानी भले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हों पर कमान कांग्रेस के हाथों में आ सकती है। सबसे पहले नीतीश बैठक का प्रयोजन और विपक्षी एकता की प्रासंगिकता पर चर्चा करेंगे। सबसे आखिर में राहुल गांधी बोलेंगे, खड़गे का भाषण भी अहम होगा।
कांग्रेस से बिहार के प्रभारी राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर को भी खासतौर पर पार्टी नेतृत्व ने बिहार पहुंचने को कहा है। अजय गुरुवार को पटना पहुंचे जहां पर बिहार कांग्रेस कमेटी की ओर से उनका स्वागत किया गया। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे भी पहुंच रहे हैं। जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, सपा, सीपीआई (एमएल), नेशनल कांफ्रेंस, आप, टीएमसी, शिवसेना, माकपा, पीडीपी, जेएमएम के प्रमुख इसमें शिरकत करेंगे।
राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर कहते हैं कि इसका मकसद दमदार विपक्ष तैयार करने का प्रयास है। वह कहते हैं कि पटना से ही संपूर्ण क्रांति, कांग्रेस के खिलाफ विपक्षी एकजुटता दिखी थी। ऐसे में अब समय बदला है कि गैर भाजपावाद की अलख जगाने को पटना उपयुक्त स्थान है। यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से अतिमहत्वपूर्ण है। क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल एकता का सूत्र निकालेंगे। करीब 19 राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है। हिमाचल और फिर कर्नाटक में जीत परचम लहराने के बाद कांग्रेस में दमखम लौट चुका है। तीन प्रमुख राज्यों में इसी साल कांग्रेस आती दिख रही है।
पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी का कहना है कि विपक्षी वोटों के बिखराव को रोकना भी बैठक का उद्देश्य हो सकता है। बुनियादी समस्याओं से भाग रही मोदी सरकार को चुनावी शिकस्त के लिए विपक्षी दलों की बैठक महत्वपूर्ण होगी। गैर कांग्रेसवाद के धुरंधर नेता नीतीश कुमार और लालू यादव की मौजूदगी रहेगी। पूर्व विधायक भूधरनारायण मिश्रा कहते हैं कि 2015 में नीतीश कुमार ने भाजपा के विरुद्ध विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाया था। भाजपा को करारी शिकस्त दी थी।
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