IT Raid In Kanpur : सिंडिकेट बनाकर गुलाबी नोट खपाने पर पड़ा छापा, कोलकाता से मिली लीड, पढ़ें- पूरी खबर
कानपुर में सिंडिकेट बनाकर गुलाबी नोट खपाने पर पड़ा छापा।
आयकर टीम ने कानपुर के साथ लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता में भी कई प्रतिष्ठानों में छापा मारा है। बताया जा रहा है कि ये लोग सिंडिकेट बनाकर रियल स्टेट समेत अन्य धंधों में ब्लैक मनी को खपा रहे थे।
कानपुर, [कुशाग्र पांडेय]। आयकर टीम ने कानपुर के साथ लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता में भी कई प्रतिष्ठानों में छापा मारा है। बताया जा रहा है कि ये लोग सिंडिकेट बनाकर रियल स्टेट समेत अन्य धंधों में ब्लैक मनी को खपा रहे थे। इस बीच गुलाबी नोट के चलन के बाहर होने पर तेजी से ब्लैक मनी को खपाया जाने आयकर विभाग को लीड मिल गई। जिसकी पड़ताल में नाम सामने पर छापे की कार्यवाही की गई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रमोटर लाता था प्रोजेक्ट, कारोबारी जुटाते थे फंड
बाजार से जुड़े लोगों के मुताबिक ज्वैलर्स भाई बुलियन है। ये बैंक से चांदी खरीदकर बाजार में बेचते है। इसके अलावा दो भाई सोने का भी व्यापार करते है। दोनों भाइयों से चांदी कारोबारी भी जुड़े थे। छोटे कारोबारी कैश में चांदी और सोना खरीदते है। इस नगदी को खपाने के लिए रियल स्टेट समेत अन्य धंधों में पैसा खपाते थे। इसके लिए प्रोजेक्ट एमराल्ड का प्रमोटर संजीव झुनझुनवाला लाता था। संजीव छह कंपनियों से जुड़ा है। ये कंपनियां कृषि से लेकर रियल स्टेट के कारोबार से जुड़ी है। सबसे ज्यादा ब्लैक मनी रियल स्टेट के कारोबार में खपाई जाती है, लेकिन किसी को शक न हो। इसके लिए संजीव अलग-अलग कंपनी में पैसों को खपाता था। इस तरह उसका काम ब्लैक मनी को खपाने का है, जबकि सोना-चांदी कारोबारियों का काम फंड को जुटाने का था।
गुलाबी नोट बंद होने पर जमा हो गई थी ब्लैक मनी
सूत्रों के मुताबिक जब से गुलाबी नोट यानि दो हजार का नोट बंद हुआ है। तब से बाजार में तेजी से गुलाबी नोट बाहर आने लगे है। कारोबारी एक हद तक बैंक में दो हजार का नोट जमा कर सकते है। उससे ज्यादा नोट जमा करने पर वे आयकर के शिकंजे में आ सकते है। आयकर बड़ी कंपनियों के खातों में नजर रख रही थी। इस बीच एक खाते में जरूरत से ज्यादा गुलाबी नोट जमा होने की लीड आयकर विभाग को मिली तो अधिकारियों ने खाते को खंगालना शुरू किया। जिससे अधिकारियों ने कानपुर से जुड़े ज्वैलर्स और चांदी कारोबारी व प्रमोटर की लिंक मिला है।
कोलकाता से मिली लीड, तार कानपुर से जुड़े
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग को कोलकाता से ब्लैक मनी को खपाए जाने की लीड मिली था। जब आयकर टीम ने पड़ताल की तो पता चला कि कानपुर से सिंडिकेट ऑपरेट हो रहा है। कानपुर से फंड जुटाकर लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता के प्रोजेक्ट में लगाया जा रहा है। इस सिंडिकेट में और भी लोग शामिल है। जिनके नाम आयकर की जांच में खुलेंगे।
इन छह कंपनियों से जुड़े है संजीव झुनझुन वाला
संजीव कुमार झुनझुनवाला का डीआईएन नंबर 00177747 है। वह छह प्राइवेट या सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी (एलएलपी को छोड़कर) में वर्तमान निदेशक है। संजीव की सबसे पहले मोतीलाल पदमपत उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक बने थे। वर्तमान में रितु पेटांगन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक है। उत्तर प्रदेश की मोतीलाल पदमपत उद्योग प्राइवेट लिमिटेडसे जुड़े है। जिसका काम खाद्य उत्पादों और पेय पदार्थों का निर्माण करना है। निर्माण से जुड़ी कंपनी अव्यय कंस्ट्रक्शन वक्र्स प्राइवेट लिटिटेड से भी संजीव जुड़े है। रियल स्टेट गतिविधियों की कंपनी कपिलेश टेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और रितु हाउसिंग लिमिटेड में संजीव निदेशक है। संजीव पश्चिम बंगाल में रजिस्ट्रर्ड कंपनी जेके एग्री जेनेटिक्स लिमिटेड, सनग्लो वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड, पल्लबी गुड्स प्राइवेट लिमिटेड और बंगाल, एमपी चीनी इंडस्ट्रीड लिमिटेड और असम कंपनी लिमिटेड से जुड़े है।
