लखनऊ : सभी राज्य विश्वविद्यालयों में एक समान होगी पीएचडी प्रक्रिया
अमृत विचार, लखनऊ । सभी राज्य विश्वविद्यालयों में एक समान पीएचडी अध्यादेश के तहत प्रक्रिया को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी की ऑनलाइन बैठक हुई। इस बैठक में यूजीसी पीएचडी नियम 2022 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लेकर चर्चा हुई।
बैठक अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए एक मानकीकृत पीएचडी ढांचा विकसित होना चाहिए। इस दौरान चार सदस्यीय कमेटी ने लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रो. पूनम टंडन (सदस्य सचिव), प्रो. विभूति राय (भूविज्ञान विभाग), प्रो. आर के सिंह (विधि संकाय) और प्रो. बिमल जयस्वाल (व्यवहारिक अर्थशास्त्र विभाग) शामिल थे, उनके की ओर से तैयार किए गए मुख्य बिंदुओं और पीएचडी अध्यादेश के ड्राफ्ट को बैठक में साझा किया गया।
पार्ट टाइम पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर भी हुई चर्चा
इस बैठक में कमेटी के सदस्यों ने पार्ट-टाइम पीएचडी के लिए प्रवेश प्रक्रिया और उपस्थिति के संबंध में अपने विचारों को व्यक्त किया। लखनऊ विश्वविद्यालय ने पहले से ही इससे संबंधित एक विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया था, जो सभी सदस्यों के साथ साझा किया गया था। सदस्यों से अपेक्षा की गई कि वे लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट की समीक्षा कर लें और 2 जुलाई तक अपनी टिप्पणियां भेज दें, ताकि आगामी बैठक में उन विषयों पर चर्चा की जा सके।
थीसिस और मूल्यांकन प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
बैठक के बाद कमेटी ने तय किया कि थीसिस जमा करने और मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पेपरलेस रहेंगी। सदस्यों का मत था कि पीएचडी उम्मीदवारों के लिए पीएचडी की मौखिक परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जानी चाहिए, जबकि ऐसे विशेष मामलों में ऑफलाइन पीएचडी मौखिक परीक्षा करवाने की अनुमति लेनी होगी। यह पीएचडी शोध ग्रंथ की मूल्यांकन और परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाएगा।
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